Pulwama Attack: राहुल ने पहली बरसी पर पूछा सवाल, हमले से किसको मिला फायदा?
Pulwama Attack: राहुल ने पहली बरसी पर पूछा सवाल, हमले से किसको मिला फायदा?
- इस हमले में CRPF की 40 जवान शहीद हो गए थे
- पुलवामा हमले की आज पहली बरसी है
- हमले की बरसी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सवाल खड़े किए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुलवामा हमले की आज पहली बरसी है। इस हमले में CRPF की 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की बरसी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सवाल खड़े किए। राहुल ने ट्वीट कर पूछा कि इस घटना से सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ? सुरक्षा में चूक के लिए बीजेपी सरकार में किसे जिम्मेदार ठहराया गया? हमले की जांच का परिणाम क्या निकला?
Today as we remember our 40 CRPF martyrs in the #PulwamaAttack , let us ask:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 14, 2020
1. Who benefitted the most from the attack?
2. What is the outcome of the inquiry into the attack?
3. Who in the BJP Govt has yet been held accountable for the security lapses that allowed the attack? pic.twitter.com/KZLbdOkLK5
जैश ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश के इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले (Pulwama Attack) के 12 दिन बाद भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बालाकोट (Balakot) में घुसकर एयरस्ट्राइक(Airstrike) को अंजाम दिया था। एयर स्ट्राइक में जैश के कई ठीकाने तबाह हो गए थे।
मसूद अजहर जैश का प्रमुख
इस हमले का मास्टर माइंड मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। मसूद अजहर को 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत को रिहा करना पड़ा था। तब भारत की मजबूरी थी क्योंकि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के 178 यात्रियों को सही सलामत आतंकियों के कब्जे से छुड़ाना था। मसूद अजहर छूट तो गया था, लेकिन उसके बाद मसूद अजहर ने भारत के खिलाफ जो जंग छेड़ी वो आज तक खत्म नहीं हुई है।
संसद हमले में भी था जैश शामिल
भारत के चंगुल से छूटते ही मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद बनाया और दो साल में ही मसूद अजहर ने 2001 में संसद पर हमला करके एहसास कराया कि उसे छोड़ना कितनी बड़ी भूल थी। संसद हमले के बाद मसूद ने इसी साल भारत के खिलाफ नए सिरे से आतंकी हमले को अंजाम देना शुरू किया। पठानकोट एयरबेस पर हमला मसूद के आतंकियों ने किया। 7 महीने के बाद फिर मसूद ने उरी में सेना मुख्यालय पर हमला करके खुद को भारत का दुश्मन नंबर एक साबित कर दिया है।