प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे

पीएम वीसी लाइव अपडेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-15 02:12 GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे
हाईलाइट
  • उद्घाटन सत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि कानून बनाते हुए हमारा फोकस होना चाहिए कि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं।

पीएम ने अपने संबोधन में  कहा कि देश ने डेढ़ हज़ार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है इनमें से कई कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे थे

 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा, कानून से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हो,हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो,इसके लिए हमें और अधिक काम करने की जरूरत है। 

किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे, इसके लिए हमें लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए होगा। देश के लोगों को सरकार का अभाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। 

 प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन गुजरात के कानून और न्याय मंत्रालय ने किया है। आयोजन गुजरात के एकता नगर गुजरात में किया जा रहा है, जिसकी मेजबानी कानून और न्याय मंत्रालय कर रहा है।  सम्मेलन में प्रदेशों के कानून मंत्री और सचिव शामिल होंगे। दो दिवसीय सम्मेलन में कानून सुधार,मामलों के जल्द निपटारे और कई मुद्दों पर चर्चा होगी।

एक निजी न्यूज चैनल के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम का उद्देशय ऐसी मंच स्थापित करना है जिस पर भारतीय वैधानिक और न्यायिक तंत्र से जुडे़ मुद्दों पर संवाद हो सके। साझा मंच पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के नीति नियंताओं के बीच चर्चा हो सकेगी। जिससे दोनों के बीच सहयोग की बेहतर भावना बढ़ेगी। 

 

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