प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में नाथूराम गोडसे को बताया देशभक्त, कांग्रेस का विरोध
प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में नाथूराम गोडसे को बताया देशभक्त, कांग्रेस का विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भोपाल से बीजेपी सासंद प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को "देशभक्त" बताया। बुधवार को लोकसभा में एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर डिबेट के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ये बयान दिया। इस बयान के बाद जब पज्ञा ठाकुर से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कि "पहले उसको पूरा सुनिए...मैं कल जवाब दूंगी।"
#WATCH BJP MP Pragya Singh Thakur on reports of her referring to Nathuram Godse as "deshbhakt" in Lok Sabha: Pehle usko poora suniye, mai kal dungi jawab. pic.twitter.com/4xieTz5HpH
— ANI (@ANI) November 27, 2019
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इस मामले में कहा कि "सांसद प्रज्ञा ठाकुर का माइक चालू नहीं था। उन्होंने उधम सिंह का नाम लिए जाने पर आपत्ति की। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से इस बारे में बताया। उन्होंने गोडसे या किसी और का नाम नहीं लिया। रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है। इस तरह की खबरें फैलाना सही नहीं है।"
दरअसल, लोकसभा में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप संसोधन बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके सदस्य ए राजा ने गोडसे के एक बयान का हवाला दिया जिसमें गोडसे ने कहा कि था कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा? उसी समय प्रज्ञा ठाकुर ने बीच में दखल देते हुए कहा कि आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते हैं।
राजा ने कहा कि गोडसे ने खुद स्वीकार किया था कि पिछले 32 साल से गांधीजी के खिलाफ द्वेष पाले हुए था और इसी वजह से उसने उनकी हत्या की। उन्होंने कहा कि गोडसे ने गांधी को इसलिए मारा क्योंकि वह विशेष विचारधारा में विश्वास रखता था।
कांग्रेस के कई सदस्यों ने भी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर आपत्ति जतायी और यह आरोप लगाते हुए सुने गये कि उन्हें (प्रज्ञा) को प्रधानमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी प्रज्ञा को बैठने का इशारा करते नजर आये। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से बैठने की अपील करते हुए कहा कि सिर्फ ए राजा की बात रिकॉर्ड में जा रही है।
ये कोई पहला मौका नहीं है जब प्रज्ञा ठाकर ने इस तरह की टिप्पणी की हो। इससे पहले भी वह ऐसा कर चुकी है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे को ‘देशभक्त’ बताया था जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।
इस पर पीएम मोदी ने भी नाराजगी जताई थी और प्रज्ञा को माफ नहीं करने की बात कही थी। इसके बाद प्रज्ञा इस तरह के बयान से बचती रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि गांधी जी या गोडसे के बारे में जो भी बात की गयी या जो भी बयान दिये गये, ये बहुत ही खराब हैं।
उन्होंने कहा था, इस तरह के बयान हर प्रकार से घृणा के लायक हैं। आलोचना के लायक हैं। सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती है। इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती, इसलिए ऐसा करने वालों को सौ बार आगे सोचना पड़ेगा।