हवा में फैले जहर से निपटने केजरीवाल सरकार के पास नहीं है कोई नया हल, पराली जलने से हुए प्रदूषण पर काबू पाने वही पुराने फॉर्मूले आजमाने की तैयारी
दिल्ली-एनसीआर संकट हवा में फैले जहर से निपटने केजरीवाल सरकार के पास नहीं है कोई नया हल, पराली जलने से हुए प्रदूषण पर काबू पाने वही पुराने फॉर्मूले आजमाने की तैयारी
- पराली जलाने की ली जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रिय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों के हालात समय के साथ बद से बदत्तर होते जा रहे हैं। इसी को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल 05 नवंबर से प्राइमरी स्कूल बंद करने का ऐलान किया है। वहीं, पांचवी क्लास से ऊपर के बच्चे स्कूल जाएंगे, लेकिन उनकी आउटडोर एक्टिविटीज पर रोक रहेगी। इस बीच सीएम ने संकेत दिए हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में जल्द ही ऑड-इवेन फॉर्मूला भी लागू किया जा सकता है। केजरीवाल ने पंंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ये साफ हो गया कि सरकार के पास हवा में फैले प्रदूषण को काबू करने का कोई नया तरीका नहीं। जबकि पराली जलानी ही पड़ेगी इसका अंदाजा दोनों प्रदेशों की सरकार को पहले से था। खुद अरविंद केजरीवाल ने ये मान लिया कि पराली जलाने के लिए वो खुद जिम्मेदार हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक राज्य की प्रदूषित हवा एक राज्य में नहीं रहती बल्कि हर राज्य में जाती है। केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है बल्कि हरियाणा, यूपी और पूरे उत्तर भारत में हवा की स्थिति खराब है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब और दिल्ली में भले हमारी सरकार है लेकिन ये वक्त एक दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं है। इससे समाधान नहीं होगा। केंद्र को आगे आकर कदम उठाने होंगे जिससे उत्तर भारत को इससे बचाया जा सके।
पराली जलाने की ली जिम्मेदारी
इस बीच अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में जलाई जा रही पराली की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा, "पंजाब में पराली जलाई जा रही है। इस पराली जलाए जाने के लिए किसान नहीं बल्कि हम जिम्मेदार हैं। हम कोई ब्लेम गेम नहीं खेलना चाहते। पराली के लिए हमें किसान को कोई समाधान देना होगा। फिलहाल किसान के पास उसे जलाने के सिवा कोई रास्ता नहीं होता। केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने में 22 प्रतिशत की बढोतरी हुई है, जो कि खतरनाक है। हम अदालत से इसपर आज या कल सुनवाई की गुहार लगाते हैं।
ये है दिल्ली-एनसीआर का हाल
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी हैं। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) "गंभीर" श्रेणी में है। इसको देखते हुए राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के जिले गौतम बौद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट ने भी कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए 8 नवंबर तक अनिवार्य रूप से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया है।