मजदूरों पर राजनीति: रेलमंत्री बोले- झूठ बोल रही उद्धव सरकार, 80 ट्रेनों की मांग पर हमने 145 दीं, उन्होंने चलाईं सिर्फ 27
मजदूरों पर राजनीति: रेलमंत्री बोले- झूठ बोल रही उद्धव सरकार, 80 ट्रेनों की मांग पर हमने 145 दीं, उन्होंने चलाईं सिर्फ 27
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचान के लिए चलाई जा रही ट्रेनों को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने हो गई है। मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। रेल मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की 80 ट्रेनें मांगने के बाद 30-40 ट्रेनें मिलने की बात गलत है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार शाम को रेलवे से 145 ट्रेन मांगी, हमने पूरी रात समीक्षा करके और योजना बनाकर सभी ट्रेनें महाराष्ट्र पहुंचाई। मंगलवार शाम 6 बजे तक 85 ट्रेनों को रवाना किया जाना था, लेकिन राज्य सरकार यात्रियों का अरेंजमेंट नहीं कर पाई और सिर्फ 27 ट्रेनें ही रवाना हो सकीं।
रेल मंत्री ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि राज्य सरकार यात्रियों के बारे में जानकारी नहीं उपलब्ध करा रही है, जिसकी वजह से कई श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि यह सुनिश्चित करने में पूरी तरह से सहयोग करें कि संकटग्रस्त प्रवासी अपने घरों तक पहुंचे। यात्रियों को समय पर स्टेशन पर लाया जाए, इससे पूरे नेटवर्क और योजना प्रभावित होगी।
महाराष्ट्र में सरकार नाम की चीज नहीं
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में शासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, और पूरा प्रशासनिक ढांचा चरमरा गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य में नेतृत्व नाम की कोई चीज है ही नहीं, जिसका सीधा असर दिहाड़ी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने पर पड़ रहा है।
125 ट्रेनों की योजना थी, लेकिन सरकार ने 41 की जानकारी दी
गौरतलब है कि इससे पहले रेलवे ने 25 मई को महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए 125 ट्रेनों की योजना तैयार की थी, लेकिन राज्य सरकार देर रात दो बजे तक सिर्फ 41 ट्रेनों के लिए ही जानकारी दे पाई थी। रेलवे ने बताया कि 26 मई को महाराष्ट्र से जिन 145 श्रमिक ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई है, उनमें 68 ट्रेनें उत्तर प्रदेश, 27 बिहार, 41 पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड और केरल के लिए एक-एक ट्रेन और ओडिशा और तमिलनाडु के लिए दो-दो ट्रेन चलाने की योजना है।