Protesting Farmers Reach Red Fort: किसानों ने लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा फहराया, लाठीचार्ज के दौरान एक किसान की मौत- देखें तस्वीरें -Video

Protesting Farmers Reach Red Fort: किसानों ने लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा फहराया, लाठीचार्ज के दौरान एक किसान की मौत- देखें तस्वीरें -Video

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-26 08:14 GMT
Protesting Farmers Reach Red Fort: किसानों ने लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा फहराया, लाठीचार्ज के दौरान एक किसान की मौत- देखें तस्वीरें -Video

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)।  गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों की टैक्टर रैली निर्धारित रूटों की सीमा तोड़ कर भीतरी रिंग रोड होते हुए आईटीओ के पास पहुंच गई जहां प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। दिल्ली की सीमाओं पर बीते दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों को गणतंत्र किसान परेड निकालने के लिए जो रूट और समय तय किए गए थे उसकी अवहेलना करते हुए किसान समय से पहले टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर लगे बैरीकेड को तोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा में प्रवेश कर गए। वहीं, किसान बैरिकेड तोड़कर लाल किले पर पहुंच गए और खालसा पंथ का झंडा फहरा दिया। 

आईटीआई के पास पहुंचे किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए। सिंघु बॉर्डर से जो ट्ररैक्टर रैली में किसानों की जो टुकड़ी चली थी वह भीतरी रिंगरोड की तरफ बढ़ गई और गाजीपुर बॉर्डर वाली टुकड़ी आईटीओ की तरफ बढ़ गई। खबर आ रही है कि आईटीओ पर पुलिस लाठीचार्ज के दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई है। 

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है। ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हो रही हिंसा मेरी जानकारी में नहीं है। दिल्ली की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह ने कहा कि, हम सुबह से किसानों से अपील कर रहे हैं कि जो रास्ता दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में तय हुआ है उसका पालन करें। काफी लोग उस रास्ते से चले गए हैं लेकिन कई लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की,बैरिकेड तोड़े। हमारे कुछ लोग घायल हुए हैं।  

 

दिल्ली के विभिन्न सीमावर्ती इलाकों से मंगलवार को अराजकता और हंगामे की सूचना मिल रही है। इन जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टर रैली के निर्धारित समझौते को दरकिनार करते हुए करनाल बाईपास, मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, अक्षरधाम, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर में विभिन्न मोर्चो का निर्माण किया। हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी में पैदल और ट्रैक्टर पर सवार होकर घुस गए हैं और अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के जवान को उन्हें नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

ट्रैक्टर रैली और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पर और हल्के लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने तीन राज्यों दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों और पुलिस के साथ समझौते को दरकिनार कर दिया है। मंगलवार को हिंसक हो गई ट्रैक्टर रैली में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए।

रविवार को, दिल्ली पुलिस ने वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड के बाद ट्रैक्टर रैली की अनुमति दी थी। इससे पहले, पुलिस के साथ बातचीत के दौरान, प्रदर्शनकारियों से कहा गया था कि वे राजपथ पर समारोह को बाधित नहीं कर सकते हैं, यहां तक कि किसानों ने भी जोर देकर कहा कि उनकी परेड शांतिपूर्ण होगी। हालांकि, अपने वादे से मुकरते हुए, किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और रैली को निर्धारित समय से बहुत पहले शुरू कर दिया था।

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