विदेश मंत्री ने POK को बताया भारत का हिस्सा, कहा- जल्द ही यह हमारा भौगोलिक हिस्सा होगा
विदेश मंत्री ने POK को बताया भारत का हिस्सा, कहा- जल्द ही यह हमारा भौगोलिक हिस्सा होगा
- EAM जयशंकर ने कहा कि PoK भारत का हिस्सा है
- जयशंकर ने उम्मीद जताई कि जल्द ही यह भारत का भौगोलिक हिस्सा होगा
- जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनायीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री (EAM) डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) भारत का हिस्सा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही यह भारत का भौगोलिक हिस्सा होगा। जयशंकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनायीं।
पाकिस्तान और आर्टिकल 370
एस जयशंकर ने कहा कि "जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है। पाकिस्तान के साथ आर्टिकल 370 हटाना मुद्दा नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के आतंकवादी हैं। हमने दुनिया को यह महसूस करया है।" उन्होंने कहा, "मुझे दुनिया में कहीं और दिखाओ, जहां कोई भी देश अपनी विदेश नीति के तौर पर अपने पड़ोसी के खिलाफ खुले तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता है।
उन्होंने कहा, "हमें एक पड़ोसी देश से यूनिक चैलेंज मिलता है।" विदेश मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान के साथ तबतक रिश्ते नहीं ठीक होंगे जबतक वह देश एक सामान्य पड़ोसी नहीं बन जाता है और सीमा पार आतंकवाद पर रोक नहीं लगाता है।" जबतक वह आतंक को खत्म नहीं करता, कोई बात नहीं होगी।
#WATCH: External Affairs Minister Dr Subrahmanyam Jaishankar says, "Our position on PoK (Pakistan Occupied Kashmir) has always been and will always be very clear. PoK is part of India and we expect one day that we will have the physical jurisdiction over it." pic.twitter.com/XpK0aPspmE
— ANI (@ANI) September 17, 2019
कुलभूषण जाधव
एस जयशंकर ने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति को घर वापस लाने के लिए समाधान खोजना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा "हमारा उद्देश्य जाधव का हाल जानना था। जाधव से मिलने का मकसद उनके अधिकार दिलाना था। हम एक निर्दोष शख्स को उसके देश वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।"
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक
एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यकों की संख्या में पिछले 70 वर्षों में कमी आई है। उन्होंने कहा "सिंध [पाकिस्तान] में अभी जो कुछ हो रहा है वह केवल पिछले 100 दिनों में नहीं हुआ है। कई सालों से ऐसा होता आ रहा है। मुझे लगता है कि अगर दुनिया के इस हिस्से में आज मानवाधिकार का ऑडिट होता है, तो मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इसमें कौन आखिरी स्थान पर आएगा।"
जयशंकर ने कहा, "पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के बारे में, यह कोई नई बात नहीं है। यहां पर अल्पसंख्यकों के साथ उनका व्यवहार देखें, मुझे लगता है कि अल्पसंख्यक संख्या पिछले 70 वर्षों में नाटकीय रूप से काफी कम हो गई है।
100 दिनों की उपलब्धि
विदेश मंत्री ने कहा, "भारत की आवाज अब वैश्विक मंच पर कहीं अधिक सुनी जा रही, चाहे वह जी 20 हो या जलवायु सम्मेलन हो।" उन्होंने कहा कि सरकार के पहले 100 दिनों के कार्यकाल में "पड़ोस प्रथम को मजबूती से आगे बढ़ाया गया और खास तौर पर सम्पर्क एवं वाणिज्य पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने पड़ोस में मालदीव, श्रीलंका, भूटान जैसे देशों की यात्रा की।