कर्ज में डूबे जेट एयरवेज का संकट गहराया, पीएमओ ने बुलाई बैठक
कर्ज में डूबे जेट एयरवेज का संकट गहराया, पीएमओ ने बुलाई बैठक
- कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के भविष्य पर अनिश्चितता के बीच
- पीएमओ ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए तत्काल बैठक बुलाई है।
- बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी करेंगे।
- सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था जिसके बाद ये मीटिंग बुलाई गई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के भविष्य पर अनिश्चितता के बीच, प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को स्थिति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई। इस बैठक में यात्रियों को हो रही असुविधा और जेट एयरवेज के तत्तकालीन हालातों को लेकर चर्चा की गई।
पीएमओ में बैठक में भाग लेने के बाद, नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने जेट एयरवेज के प्रबंधन के साथ एक बैठक आयोजित की। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई। खारोला ने संवाददाताओं को बताया कि जेट एयरवेज ने शुक्रवार को 11 विमान उड़ाए और घरेलू मार्गों पर इस सप्ताह के अंत में दोनों दिन छह से सात विमान उड़ान भरेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या एयरलाइन के पास संचालन के लिए सोमवार तक पर्याप्त धनराशि है, सचिव ने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज ने शुक्रवार को बैंकरों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने अंतरिम फंडिंग के बारे में अपनी मांग रखी। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ अग्रणी ऋणदाताओं का एक संघ वर्तमान में एयरलाइन को संभाल रहा है।
खारोला ने कहा कि बैंकरों ने एयरलाइन को अंतरिम फंडिंग के बारे में अपने प्रस्ताव को फिर से तैयार करने के लिए कहा है। सोमवार को फिर से वे (जेट एयरवेज) बैंक से संपर्क करेंगे। बैंकों के निर्णय के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, सोमवार दोपहर तक छह से सात विमान उड़ान भरेंगे। उसके बाद कितने उड़ेंगे, यह बैंकरों के साथ बातचीत पर निर्भर करेगा।
सचिव ने स्पष्ट किया कि वीकेंड में उड़ान भरने वाला एक विमान बोइंग 737 होगा, अन्य सभी विमान एटीआर होंगे। 100 से कम सीटों के साथ, ATR बोइंग 737 की तुलना में बहुत छोटा विमान है।
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था जिसके बाद ये मीटिंग बुलाई गई थी। सुरेश प्रभु ने MoCA सचिव से कहा था कि यात्रियों की असुविधा को कम करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए। एविएशन सेक्रेटरी ने कहा, "जेट एयरवेज वर्तमान में 11 विमान उड़ा रहा है। हमने उन्हें यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखने के लिए कहा है।"
उधर एयरलाइन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन को अगले सोमवार तक बढ़ा दिया है। पहले जेट एयरवेज ने दो दिनों के लिए अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को कैंसिल कर करने का फैसला लिया था। इसके पीछे परिचालन से संबंधित कारण बताए गए थे। इससे पहले खबरें आ रही थी कि नागरिक उड्डयन नीति और 0/20 नियम का पालन न करने पर जेट की सभी अतंरराष्ट्रीय उड़ानों पर जल्द ही प्रतिबंध लग सकता है।
दरअसल जेट एयरवेज के बेड़े में अभी केवल 11 विमान ही ऑपरेशनल है। जबकि नई नागरिक उड्डयन नीति और 0/20 नियम के अनुसार, एक एयर कैरियर को अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने की अनुमति तभी दी जाती है, जब कम से कम 20 विमान ऑपरेशनल हों। भले ही उसे घरेलू परिचालन के संदर्भ में कोई अनुभव न हो।
3 अप्रैल को, नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने कहा था कि जेट के 15 से कम विमान ऑपरेशन में है। अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने के लिए इसकी पात्रता की जांच की जानी चाहिए।
इस बीच, चांगी एयरपोर्ट की तरफ से कहा गया था कि जेट एयरवेज ने अपनी सेवाओं को सिंगापुर से और आगे की सूचना तक निलंबित कर दिया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बुकिंग एजेंट या एयरलाइन से सीधे उपलब्ध विकल्पों के लिए संपर्क करें।
इससे एक दिन पहले जेट के शेयर बेचने के लिए खुली नीलामी में एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने बोली जमा कराने की समय सीमा दो दिन बढ़ा दी थी। पहले इसकी समय सीमा 10 अप्रैल की शाम 6 बजे तक थी। लेकिन बैंकों ने इसे 12 अप्रैल शाम 6 बजे तक बढ़ा दिया था। बैंकों ने जेट के 75% तक शेयर बेचने के लिए 8 अप्रैल को बोली प्रक्रिया शुरू की थी। बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में उधारदाताओं ने मार्च में जेट एयरवेज का नियंत्रण जेट संस्थापक और अध्यक्ष नरेश गोयल के इस्तीफे के बाद अपने हाथों में ले लिया।
बुधवार का दिन एयरलाइन के लिए एक कठिन दिन था क्योंकि इंडियन ऑयल ने क्रेडिट लिमिट खत्म होने पर जेट की फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी। हालांकि कुछ घंटों के बाद ईंधन की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई, लेकिन यह तीसरी बार था जब इंडियन ऑयल ने इस तरह का निर्णय लिया था। इसके अलावा एम्स्टर्डम से मुंबई जाने वाली जेट एयरवेज की एक उड़ान को बकाया बिलों के कारण यूरोपियन कार्गो कंपनी ने शिफोल हवाई अड्डे से उड़ान भरने से रोक दिया था।