पीएम मोदी आज देश को समर्पित करेंगे 'महाकाल कॉरिडोर', कैलाश खेर करेंगे महाकाल स्तुति गान
महाकाल कॉरिडोर पीएम मोदी आज देश को समर्पित करेंगे 'महाकाल कॉरिडोर', कैलाश खेर करेंगे महाकाल स्तुति गान
- इंदौर से उज्जैन के बीच 60 किलोमीटर एरिया को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है
डिजिटल डेस्क, उज्जैन। आज वो दिन आ ही गया जब पीएम मोदी उज्जैन में बने भव्य महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण कर देश को समर्पित कर देंगे। उज्जैन देश के सबसे बड़े और पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 6.30 बजे 200 संतों की मौजूदगी में इसका लोकार्पण करेंगे। इस दौरान गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति पेश करेंगे।
पीएम मोदी का कार्यक्रम
इंदौर में विमान से उतरने के बाद पीएम मोदी शाम 5.30 बजे हेलीकॉप्टर से उज्जैन पहुंचेंगे, जहां से वह शाम 6 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेंगे। इसके बाद वह मंदिर में दर्शन के बाद महाकाल कॉरिडोर को देश को समर्पित करेंगे एवं पूजा-अर्चना कर इलेक्ट्रिक वाहन से महाकाल पथ देखेंगे। अंत में वह कार्तिक मेला ग्राउंड पर सभा को संबोधित करेंगे।
ऐसी ही लोकार्पण की तैयारी
इंदौर से उज्जैन के बीच 60 किलोमीटर एरिया को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। इसके अलावा महाकाल कॉरिडोर भी देशी-विदेशी फूलों की महक से सुगंधित हो उठा है। गर्भगृह और नंदी हॉल के साथ ही परिसर के सभी छोटे-बड़े मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं। महाकाल मंदिर के प्रांगण और कोटितीर्थ कुंड के आसपास स्थित 40 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों को भी फूलों से सजाया गया है। इसके अलावा पीएम को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा में 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसमें प्रदेशभर से अधिकारियों के साथ स्पेशल टीम भी शामिल है। प्रदेशभर से 12 तो बीडीएस की टीम है। जिस सड़क पर प्रधानमंत्री का मूवमेंट रहेगा, उसे दो घंटे पहले बंद कर दिया जाएगा।
कैलाश खेर बांधेंगे समां
लोकार्पण के दौरान गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति गीत पेश करेंगे। इसके अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल समेत 6 राज्यों के कलाकार इस कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देंगे।सभा स्थल पर 60 हजार से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा उज्जैन में महाकाल लोक के साथ ही राज्य भर के मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे और शिव भजन, पूजन, कीर्तन, अभिषेक, आरती करेंगे. शंख, घंटियां और घंटियां बजाने के साथ ही मंदिरों, नदियों के किनारे और घरों में दीप जलाए जाएंगे।