IJC 2020: PM मोदी बोले- हमने समाज को मजबूत करने के लिए बनाएं कई कानून
IJC 2020: PM मोदी बोले- हमने समाज को मजबूत करने के लिए बनाएं कई कानून
- आर्थिक और तकनीकी जैसे हर क्षेत्र में होंगे बदलाव : PM मोदी
- मोदी ने इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस का उद्घाठन किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस का उद्घाठन किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि "देश में ऐसे करीब 1,500 पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है, जिनकी आज के दौर में प्रासंगिकता समाप्त हो रही है।" उन्होंने आगे कहा कि "समाज को मजबूती देने वाले नए कानून भी उतनी ही तेजी से बनाए गए हैं, जितनी तेजी से पुराने कानून खत्म किए गए हैं। सरकार ने पूरी संवेदनशीलता से काम किया है।"
Addressing an International Judicial Conference in New Delhi. https://t.co/N1gTEcF6fN
— Narendra Modi (@narendramodi) February 22, 2020
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पीएम मोदी ने कहा, शीघ्र न्याय का समाधान एक प्रकार से तकनीक के पास है। सरकार का भी प्रयास है कि देश की हर कोर्ट को ई-कोर्ट इंटीग्रेटेड मिशन मोड प्रोजेक्ट (e-court Integrated Mission Mode Project) से जोड़ा जाए। मैं आज इस अवसर पर भारत की न्यायपालिका का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसने विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन की गंभीरता को समझा है और उसमें निरंतर मार्गदर्शन किया है।
पीएम मोदी ने कहा, परिवर्तन के इस दौर में भारत नई ऊंचाई भी हासिल कर रहा है, नई परिभाषाएं गढ़ रहा है और पुरानी अवधारणाओं में बदलाव ला रहा है। पहले कहा जाता था कि तेजी से विकास और पर्यावरण की रक्षा एक साथ होना संभव नहीं है। भारत ने इस अवधारणा को भी बदला है।
पीएम मोदी ने कहा, 21वीं सदी का भारत इस भागीदारी के दूसरे पहलुओं में भी तेजी से आगे बढ़ा रहा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ इन अभियानों के कारण ही पहली बार एजुकेशन एनरोलमेंट में गर्ल चाइल्ड का लड़कों से ज्यादा हो गया है। इसी तरह सैन्य सेवा में बेटियों की नियुक्ति हो, फाइटर पाइलट्स की चयन प्रक्रिया हो, माइन्स में रात में काम करने की स्वतंत्रता हो, सरकार द्वारा अनेक बदलाव किए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि इस कॉन्फ्रेंस में "जेंडर जस्ट वर्ड" (Gender Just World) के विषय को भी रखा गया है। दुनिया का कोई भी देश, कोई भी समाज जेंडर जस्टिस (Gender Justice) के बिना पूर्ण विकास नहीं कर सकता और न ही न्यायप्रियता का दावा कर सकता है। भारत दुनिया के उन बहुत कम देशों में से एक है जिसने स्वतंत्रता के बाद से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित किया है। आज 70 साल बाद अब चुनाव में महिलाओं की भागीदारी अपने सर्वोच्च स्तर पर है।
पीएम मोदी ने कहा, देश में ऐसे करीब 1,500 पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है, जिनके आज के दौर में प्रासंगिकता समाप्त हो रही है। समाज को मजबूती देने वाले नए कानून भी उतनी ही तेजी से बनाए गए हैं। सरकार ने पूरी संवेदनशीलता से काम किया है।
पीएम मोदी ने कहा, तमाम चुनौतियों के बीच कई बार देश के लिए संविधान के तीनों पिलर ने उचित रास्ता ढूंढा है। हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते 5 वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है।
पीएम मोदी ने कहा, हर भारतीय की न्याय पालिका पर बहुत आस्था है। हाल में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं, जिन्हें लेकर पूरी दुनिया में चर्चा थी। फैसले से पहले अनेक तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं, लेकिन हुआ क्या? सभी ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए इन फैसलों को पूरी सहमति के साथ स्वीकार किया।
पीएम मोदी ने कहा, पूज्य बापू का जीवन सत्य और सेवा को समर्पित था, जो किसी भी न्यायतंत्र की नींव माने जाते हैं। हमारे बापू खुद भी तो वकील थे। अपने जीवन का जो पहला मुकदमा उन्होंने लड़ा, उसके बारे में गांधी जी ने बहुत विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखा है।
पीएम मोदी ने कहा, ये कॉन्फ्रेंस 21वीं सदी के तीसरे दशक के शुरुआत में हो रही है। ये दशक भारत सहित पूरी दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का है। ये बदलाव सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी हर क्षेत्र में होंगे। ये बदलाव तर्क संगत और न्याय संगत होने चाहिए। ये बदलाव सभी के हित में होने चाहिए।