अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से आज मुलाकात करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
पीएम मोदी लाइव अपडेट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से आज मुलाकात करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से आज मुलाकात करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- कल पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से की थी मुलाकात
- दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष के बीच कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिनों के अमेरिका दौरे पर हैं। आज (शुक्रवार) पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच अहम मुलाकात होगी। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ये मोदी-बाइडेन की आमने-सामने पहली मुलाकात होगी। इसके साथ ही मोदी क्वॉड देशों की इन पर्सन मीटिंग में भी हिस्सा लेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात की थी।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
- अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद आया संकट
- चीन का बढ़ता हुआ दखल
- सीमा परा आतंकवाद
- भारत-अमेरिका ग्लोबल पार्टनरशिप को बढ़ावा
- सामरिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर बातचीत
- दोनों देशों के बीच ट्रेड और निवेश संबंधों पर बातचीत
बाइडेन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी क्ववॉड देशों की बैठक में भी शामिल होंगे। आइये सबसे पहले जानते हैं क्ववॉड क्या है ? क्वॉड्रिलैटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग चार देशों का समूह है। इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान शामिल हैं। इन चारों देशों के बीच समुद्री सहयोग 2004 में आई सुनामी के बाद शुरू हुआ।क्वॉड का आइडिया 2007 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दिया था। आज ये चारों लोकतांत्रिक देश सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक व्यापक एजेंडे के तहत काम करते हैं। क्ववॉड देशों की मीटिंग में चीन पर चर्चा अहम मानी जा रही है। दरअसल, अमेरिका की पॉलिसी पूर्वी एशिया में चीन को काबू करने की है। इसी वजह से वह इस ग्रुप को इंडो-पैसिफिक रीजन में फिर से प्रभुत्व हासिल करने के अवसर के तौर पर देखता है। ऑस्ट्रेलिया को अपनी जमीन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पॉलिटिक्स में चीन की बढ़ती रुचि और यूनिवर्सिटीज में उसके बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता है। जापान पिछले एक दशक में चीन से सबसे ज्यादा परेशान रहा है, जो अपना अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के लिए सेना का इस्तेमाल करने से भी नहीं झिझक रहा। वहीं, भारत के लिए चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत स्ट्रैटजिक चुनौती है।