आम आदमी की पहुंच से दूर नहीं होने देंगे पेट्रोल-डीजल की कीमत : धर्मेन्द्र प्रधान
आम आदमी की पहुंच से दूर नहीं होने देंगे पेट्रोल-डीजल की कीमत : धर्मेन्द्र प्रधान
- उन्होंने कहा कि हमारी सरकार तेल की घटती-बढ़ती कीमतों के बावजूद आम जनता को परेशान नहीं होने देगी।
- प्रधान ने यह बात बुधवार को मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाने के दौरान कही।
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में चाहे जितनी भी उछाल आए
- पेट्रोल व डीजल की कीमत को आम आदमी की पहु
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में चाहे जितनी भी उछाल आए, पेट्रोल व डीजल की कीमत को आम आदमी की पहुंच में ही रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार तेल की घटती-बढ़ती कीमतों के बावजूद आम जनता को परेशान नहीं होने देगी। प्रधान ने यह बात बुधवार को मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाने के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। इसके दाम इंटरनेशनल मार्केट से तय होते हैं। इसलिए इसकी कीमतों में हो रही कमी या बढ़ोत्तरी में सरकार दखल नहीं देती। बावजूद इसके मोदी सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है। लिहाजा इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत चाहे जितनी ऊपर जाए, हम इसे आम लोगों की पहुंच से दूर नहीं होने देंगे। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में आई गिरावट के बावजूद देश में तेल के दामों में कमी नहीं होने की जिम्मेदारी पिछली संप्रग सरकार पर डालते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार की पेट्रो बांड की देनदारी इतनी अधिक है कि इसी की भरपाई करने में पेट्रोलियम पदार्थों की कमाई का बड़ा हिस्सा चला जाता है। पेट्रो पदार्थों को जीएसटी के तहत लाने के सवाल पर पेट्राेलियम मंत्री ने कहा कि इस संबंध में कोई भी फैसला जीएसटी परिषद ही करेगी।
300 जिलों में पाईपलाइन से पहुंच रही रसोई गैस
धर्मेन्द्र प्रधान ने संप्रग सरकार के अंतिम चार वर्ष के मुकाबले मोदी सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि बीते चार साल में जबरदस्त काम हुए हैं। उन्होंने बताया कि संप्रग सरकार के चार साल में अनुसूचित जाति व जनजाति कोटे के तहत दिए जाने वाले आरक्षित कोटे में 445 पेट्रोल पंप का आबंटन हुआ था, जो मोदी सरकार के 4 साल के दौरान इसकी संख्या बढ़कर 1201 हो गई है। उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार के दौरान जहां 75 से 80 जिलों में ही पाइपलाइन से रसोई गैस पहुंच रही थी, तो वहीं आज देश के 300 जिलों में PNG पाइपलाइन से इसकी आपूर्ति की जा रही है।