चेन्नई में अतिक्रमण की जमीन खाली करने की मांग का लोगों ने किया विरोध
तमिलनाडु चेन्नई में अतिक्रमण की जमीन खाली करने की मांग का लोगों ने किया विरोध
- आत्मदाह पर सरकार की आलोचना
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। चेन्नई के आर.ए.पुरम झुग्गी इलाके में प्रदर्शनकारी कन्निया के आत्मदाह पर सरकार की आलोचना होने के बावजूद, चेंगलपट्टू के अधिकारियों ने बस टर्मिनल बनाने के लिए करीब 40 परिवारों को बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
58 वर्षीय कन्निया के आत्मदाह के विरोध में सोमवार को राज्य विधानसभा में जहां गर्मागर्म चर्चा हुई थी, वहीं चेंगलपट्टू जिले के अधिकारी बेदखली को आगे बढ़ा रहे हैं।
तीन एकड़ के भूखंड में रहने वाले लोग प्रस्तावित बस टर्मिनल के लिए जमीन के अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। भूमि एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के 300 एकड़ क्षेत्र का हिस्सा है और चेंगलपट्टू के जिला अधिकारियों के अनुसार 40 परिवार इस स्थान पर बिना किसी मालिकाना हक या पट्टे के रह रहे हैं।
प्लाट पर एक छोटे से घर में रह रही 44 वर्षीय सुनंदा ने आईएएनएस से कहा, हमारे पास और कहीं जाने के लिए नहीं है। आम लोग क्या कर सकते हैं जब सरकारी अधिकारी हमें एक दिन अचानक आकर खाली करने के लिए कहें। हम इसका विरोध करेंगे। 40 परिवार बेदखली अभियान के खिलाफ अदालत जाने की भी योजना बना रहे हैं।
चेंगलपट्टू के जिला कलेक्टर ए.आर. राहुल नाथ ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा- एक जमींदार वेदाचलम मुदलियार ने लगभग 60 साल पहले यह जमीन एक उपहार में दी थी और उन दिनों इस क्षेत्र की घेराबंदी नहीं की गई थी, जिसके बाद अतिक्रमण हुआ।
जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि परिवारों को स्पष्ट रूप से पता है कि जमीन मेडिकल कॉलेज की है और यही कारण है कि उन्होंने पिछले 30 वर्षों से टाइटल डीड के बारे में बात नहीं की है। हालांकि, जमीन के निवासियों ने एक स्वर में कहा कि वे जिला प्रशासन के उन्हें परिसर से बेदखल करने के फैसले के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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