जवाहिरी की हत्या से भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर असर को लेकर लोगों की आलग-अलग राय : आईएएनएस सर्वे

नई दिल्ली जवाहिरी की हत्या से भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर असर को लेकर लोगों की आलग-अलग राय : आईएएनएस सर्वे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-03 07:30 GMT
जवाहिरी की हत्या से भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर असर को लेकर लोगों की आलग-अलग राय : आईएएनएस सर्वे
हाईलाइट
  • आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड था जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने काबुल में एक ड्रोन हमले में टॉप अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी पुष्टि की। दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक जवाहिरी को 31 जुलाई को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिका द्वारा चलाए गए एक आतंकवाद विरोधी अभियान में मारा गया। जवाहिरी ओसामा बिन लादेन के साथ 9/11 के आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड था जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया था।

2011 में अमेरिका द्वारा ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के बाद जवाहिरी आतंकी समूह अलकायदा का चेहरा बन गया था। जवाहिरी की हत्या को आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के युद्ध में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। जवाहिरी की हत्या के बाद, एक टेलीविजन संबोधन में राष्ट्रपति बिडेन ने कहा, अब न्याय दिया गया है और यह आतंकवादी इस दुनिया में नहीं है।

सी-वोटर इंडियाट्रैकर ने खूंखार अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी की हत्या और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई पर इसके प्रभाव के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण में पाया गया कि इस मुद्दे पर भारतीयों की राय अलग-अलग है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जवाहिरी के विनाश से आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में फर्क पड़ेगा, वहीं अन्य 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

सर्वेक्षण में पाया गया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के युद्ध पर जवाहिरी की हत्या के प्रभाव के बारे में एनडीए और विपक्षी दोनों मतदाताओं की राय अलग-अलग हैं। सर्वेक्षण के दौरान जहां एनडीए के 52 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि जवाहिरी की हत्या का असर भारत की इस खतरे के खिलाफ लड़ाई पर पड़ेगा, वहीं 52 फीसदी विपक्षी समर्थकों ने कहा कि कोई असर नहीं पड़ेगा।

इसी तरह, ग्रामीण और शहरी दोनों मतदाताओं ने इस मुद्दे पर विभाजित राय साझा की। सर्वेक्षण के दौरान, जहां 52 फीसदी ग्रामीण मतदाताओं ने जोर देकर कहा कि जवाहिरी की हत्या से आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में फर्क पड़ेगा, वहीं 56 फीसदी शहरी मतदाता पूरी तरह असहमत थे।

(आईएएनएस)

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