पं जवाहर लाल नेहरू जयंती: जानें बाल दिवस के रूप में क्यों चुना गया आज का दिन

पं जवाहर लाल नेहरू जयंती: जानें बाल दिवस के रूप में क्यों चुना गया आज का दिन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-14 03:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर में आज बाल दिवस मनाया जा रहा है। वहीं आज भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू की 130वीं जयंती है। भारत के अलावा बाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि पंडित नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी कुछ खास बातें...

पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया। नेहरू ने एक बार कहा था, आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। हम जिस तरह से बच्चों की परवरिश करते हैं उससे भारत का भविष्य तय होता है। 

विद्वान और लेखक
पं जवाहर लाल नेहरु बच्चों को राष्ट्र का निर्माता कहते थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था। 1930 और 1940 के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। पं नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ एक विद्वान और लेखक भी थे। नेहरू ने लखनऊ की जिला जेल में रहकर डिस्कवरी आफ इंडिया और ग्लिम्पस आफ वर्ल्ड हिस्ट्री पुस्तक समेत कई पुस्तकें लिखी थीं। 

अंग्रेजों के खिलाफ जंग
वह लखनऊ की जेल में 403 दिन बंद रहे। लखनऊ जेल में उन्हें राजद्रोह भड़काने समेत कई मामलों में बन्द किया गया था। उनके साथ केशवदेव मालवीय सहित बाबू पुरषोत्तम दास टंडन, शांति स्वरूप और उमाशंकर दीक्षित समेत दर्जनों क्रान्तिकारी पहले से ही बन्द थे। पंडित नहेरू ने क्रान्तिकारियों के साथ मिलकर इसी जेल से अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की जंग शुरू की। 

बाल दिवस
पं नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्हें आधुनिक भारत का ‘निर्माता’ भी कहा जाता है। 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर माना जाए। बाल दिवस के दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। 

हालांकि बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी। वहीं 1950 से कई देशों में बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर ही बाल दिवस मनाया जाने लगा। जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रन डे के नाम से जाना जाता है। जिसके बाद 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। यूएन ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। जबकि भारत में पं नेहरू की मौत के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण पूरे देश ने एक साथ 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का फैसला किया।
 

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