बीजेपी को झटका, मणिपुर में सरकार से NPF ने लिया समर्थन वापस
बीजेपी को झटका, मणिपुर में सरकार से NPF ने लिया समर्थन वापस
डिजिटल डेस्क, इंफाल। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग से पहले मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी का झटका लगा है। नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने मणिपुर में भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। मणिपुर में भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के एनपीएफ के फैसले की घोषणा पार्टी के प्रवक्ता अचुमबेमो किकोन ने शनिवार को की।
अचुमबेमो किकोन ने कहा कि हमने कोहिमा में एनपीएफ केंद्रीय कार्यालय में एक लंबी बैठक की और भाजपा की नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में एनपीएफ एक भागीदार है। एनपीएफ लंबे समय से आरोप लगा रहा है कि राज्य की भाजपा सरकार उनके विचारों और सुझावों पर ध्यान नहीं देती है। हालांकि, मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने से गठबंधन प्रभावित नहीं होगा क्योंकि एनपीएफ के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में केवल चार विधायक हैं। दूसरी ओर भाजपा के सदन में 29 विधायक हैं।
2017 के चुनावों में जीत हासिल करने वाले 28 में से आठ कांग्रेस विधायकों ने पिछले साल भाजपा का दामन थामा था। जिसके बाद विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 21 से बढ़कर 29 हो गई थी। सत्तारूढ़ गठबंधन में अन्य दल एनपीपी (4), एलजेपी (1), निर्दलीय (1) और एआईटीसी (1) हैं।
एनपीएफ ने शनिवार को अपने नेताओं की बैठक बुलाई ताकि यह तय किया जा सके कि वह गठबंधन में बने रहेंगे या समर्थन वापस लेंगे। नागा पीपुल्स फ्रंट की राज्य इकाई के प्रमुख अवांगबौ नईमई ने भी दावा किया था कि भाजपा अपने गठबंधन सहयोगियों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, "भाजपा ने 2017 में सरकार बनाने के बाद से गठबंधन की भावना का कभी सम्मान नहीं किया है। ऐसे कई उदाहरण है जब उनके नेताओं ने हमारे सदस्यों को गठबंधन का साथी मानने से इनकार कर दिया।"
अवांगबो नईमई ने यह भी कहा कि भाजपा अपने गठबंधन सहयोगियों से किए गए वादों पर खरा नहीं उतरी। भाजपा ने हालांकि आरोप से इनकार किया है। भाजपा ने कहा कि उसने सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोगियों का हर संभव सहयोग किया है। अवांग्बो न्यूमई के आरोपों को "बेबुनियाद" बताते हुए, बीजेपी के प्रवक्ता बिजॉय ने कहा कि एनपीएफ ने कहा था कि वह गठबंधन में शामिल होने के दौरान कोई भी मंत्री पद नहीं चाहता था, लेकिन अब ऐसा लगता है पार्टी की कई मांगें हैं।