Nirbhaya Case: निर्भया के चार दोषियों को मिली सजा, बाकी दो दरिंदों का क्या हुआ?
Nirbhaya Case: निर्भया के चार दोषियों को मिली सजा, बाकी दो दरिंदों का क्या हुआ?
- 16 दिसंबर 2012 को 6 लोगों ने मिलकर किया था जघन्य अपराध
- एक आरोपी राम सिंह ने जेल में कर ली थी आत्महत्या
- तिहाड़ जेल में निर्भया के चारों दोषियों को फांसी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया (Nirbhaya) गैंगरेप और मर्डर के चार दोषियों को आखिरकार आज (शुक्रवार) सुबह 5.30 बजें फांसी पर लटका दिया गया। तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के फांसी घर में पवन, विनय, अक्षय और मुकेश को फांसी की सजा दी। निर्भया (Nirbhaya) मामले में कुल 6 दोषी थे। कोर्ट ने 33 साल के राम सिंह और एक नाबालिग को भी गुनहगार ठहराया था।
बता दें निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को आज सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। चारों को फांसी के फंदे पर लटकाने के बाद पवन जल्लाद ने कहा कि जिंदगी में पहली बार चार फांसी देकर खुश हूं। इस दिन का इंतजार करते-करते बूढ़ा हो गया। भगवान और तिहाड़ जेल प्रशासन का धन्यवाद।
वहीं निर्भया केस (Nirbhaya Case) में अदालत ने 17 साल के एक नाबालिग को भी गुनहगार पाया था। ऐसा कहा जाता है कि निर्भया के साथ सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी नाबालिग ने की थी। 18 साल से कम उम्र होने की वजह से उसे सजा नहीं दी गई। हालांकि उसे तीन साल बाल सुधार गृह में रखा गया। इस दौरान उसने खाना बनाना सीखा। जेल से रिहा होने के बाद उसे दक्षिण भारत के किसी गांव में भेज दिया गया। वह अब बदले हुए नाम के साथ किसी रेस्टोरेंट में काम कर रहा है।
राम सिंह (Ram Singh) ने साल 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। राम सिंह उस बस का ड्राइवर था, जिसमें छह दोषियों ने निर्भया के साथ कुरुता को अंजाम दिया था। वो दक्षिण दिल्ली के रविदास झुग्गी में रहता था। निर्भया केस (Nirbhaya Case) में सबसे पहले उसे ही गिरफ्तार किया गया था।