निर्भया केस: जस्टिस भानुमति के बेहोश होने से टली सुनवाई, पीड़िता की मां बोलीं- हम उम्मीद खो रहे हैं
निर्भया केस: जस्टिस भानुमति के बेहोश होने से टली सुनवाई, पीड़िता की मां बोलीं- हम उम्मीद खो रहे हैं
- दोषियों को अलग-अलग फांसी की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस भानुमति बेहोश हुईं
- राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दोषी विनय की याचिका खारिज
- सुनवाई टाले जाने के बाद निर्भया की मां ने कहा अब हम उम्मीद खोते जा रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी विनय शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। विनय ने कोर्ट में राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के खिलाफ अपील की थी। विनय ने याचिका में यह भी कहा था कि वह मानसिक रूप से ठीक नहीं है, इस कारण उसकी फांसी को टाला जाए। कोर्ट ने इस पर कहा कि दोषी की सामान्य मेडिकल कंडीशन दिखाती है कि वह मानसिक रूप से सामान्य है। इसके बाद दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र की याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस आर भानुमति अचानक बेहोश हो गईं। इस कारण सुनवाई को टाल दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इस पर आदेश बाद में जारी किया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि अब हम उम्मीद खोते जा रहे हैं।
यह हुआ कोर्ट में
निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की केंद्र सरकार की याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस आर भानुमति बेहोश हो गईं। इसके बाद सुनवाई स्थगित करते हुए आनन-फानन में उन्हें उनके चेंबर में ले जाया गया। बताया गया कि मामले में फैसला बाद में जारी किया जाएगा।
जस्टिस भानुमति की तबीयत खराब होने के बारे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि जस्टिस आर. भानुमति जब सुनवाई कर रही थीं तो उन्हें तेज बुखार था और उन्हें अब भी तेज बुखार है। चेंबर में डॉक्टरों ने उनका परीक्षण किया हैं। इन दिनों उनका इलाज चल रहा है और सुनवाई करते वक्त भी वो बुखार में थीं। हालांकि न्यायमूर्ति भानुमति जल्द ही होश में आ गईं और उन्हें वहां डायस पर बैठे अन्य न्यायाधीशों तथा उच्चतम न्यायालय के कर्मियों ने चैंबर में पहुंचाया। उन्हें व्हील चेयर पर ले जा गया। बाद में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना ने कहा कि मामले में आदेश अब चेंबर में सुनाया जाएगा।
राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दोषी विनय की याचिका खारिज
इससे पहले, दोषी विनय शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि राष्ट्रपति ने विनय की याचिका खारिज करने से पहले सभी पहलुओं और दस्तावेजों का अध्ययन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने विनय के मनोरोगी होने के दावे को भी खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि दोषी की सामान्य मेडिकल कंडीशन दिखाती है कि मानसिक रूप से सामान्य है।