निर्भया केस: दोषियों की फांसी टली, फैसला सुनते ही कोर्ट में रो पड़ीं पीड़िता की मां
निर्भया केस: दोषियों की फांसी टली, फैसला सुनते ही कोर्ट में रो पड़ीं पीड़िता की मां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया के दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में ठुकराए जाने के बाद अब दोषियों के डेथ वारंट पर पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। फैसला सुनते ही पीड़िता निर्भया की मां कोर्ट में रो पड़ीं। उन्होंने कोर्ट में कहा कि हमारे अधिकारों का क्या। उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज होने पर आज डेथ वारंट जारी हो जाएगा लेकिन ऐसा न हो सका, जिससे वह कुछ दुखी होकर रो पड़ीं।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 7 जनवरी रखी है। अदालत ने डेथ वारंट पर सुनवाई टालते हुए कहा कि दया याचिका के लिए दोषियों को नोटिस दिया जाए। इसके खारिज होने के बाद ही डेथ वारंट जारी होगा। अदालत के इस फैसले से साफ है कि निर्भया के दोषियों को अगले साल ही फांसी होगी।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: The court has given them (convicts) to time to seek remedy. Court is only looking at their (convicts) rights and not ours. There is no guarantee that a judgement will be given on next date of hearing. pic.twitter.com/Yk6ZmQRLJH
— ANI (@ANI) December 18, 2019
निर्भया की मां आशा देवी ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि अदालत ने उन्हें (दोषियों) को उपाय तलाशने के लिए समय दिया है। कोर्ट सिर्फ दोषियों के अधिकार देख रहा है, हमारे नहीं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगली सुनवाई में ही फैसला आ जाए।
सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन खारिज होने के कुछ ही घंटे बाद पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों को डेथ वॉरंट जारी करने को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी किया। डेथ वॉरंट को लेकर अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन को निर्देश दिया के वे एक सप्ताह के भीतर दोषियों को नोटिस जारी कर उनसे पूछे कि क्या वे दया याचिका दाखिल करना चाहते हैं। कोर्ट ने निर्भया की मां से कहा, "हमें आपसे पूरी सहानुभूति है। हमें मालूम है कि किसी की मौत हुई है, लेकिन यहां किसी अन्य के अधिकार की भी बात है। हम यहां आपको सुनने के लिए आए हैं लेकिन हम भी कानून से बंधे हैं।"
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषियों को रिव्यू के लिए 1 हफ्ते और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जा सकता है। अक्षय के मामले में रिव्यू का निपटारा हो चुका है, इस तरह अभी उसे दया याचिका दायर करने की मोहलत मिलेगी। राष्ट्रपति के पास एक और दोषी विनय की दया याचिका लंबित है। दया याचिका खारिज होने के बाद ही फांसी संभव होगी।
अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में उसका पक्ष रखने वाले वकील एपी सिंह ने फैसले के बाद अदालत के बाहर जो कुछ भी कहा कि उससे साफ है कि बचाव पक्ष मामले को लटकाने की कोशिश करेगा। निर्भया के दोस्त द्वारा मीडिया में बयान देने, पैनलों में बैठने के लिए कथित तौर पर पैसे लेने संबंधी एक पत्रकार के हाल में किए दावे का इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले (रिव्यू पर नहीं) के बाद नए तथ्य सामने आए हैं कि निर्भया के दोस्त ने पैसे लेकर मीडिया को कहानियां बताई। उन्होंने कहा कि नए तथ्यों के आने के बाद नए सिरे से केस को सुना जाना चाहिए। अक्षय के अलावा बाकी 3 दोषियों ने अभी रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं की है। इसके जरिए भी बचाव पक्ष मामले को लटकाने की कोशिश कर सकता है।