PM at BRICS Meet: ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा- आतंक को मदद देने वाले देशों को भी ठहराया जाए दोषी

PM at BRICS Meet: ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा- आतंक को मदद देने वाले देशों को भी ठहराया जाए दोषी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-17 15:19 GMT
PM at BRICS Meet: ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा- आतंक को मदद देने वाले देशों को भी ठहराया जाए दोषी
हाईलाइट
  • पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए। पीएम मोदी ने कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और आईएमएफ तथा डब्ल्यूटीओ जैसे संगठनों में सुधार की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जमकर तारीफ की लेकिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का उन्होंने जिक्र तक नहीं किया। पीएम के भाषण के दौरान जिनपिंग कैमरे के बजाय ज्यादातर वक्त अपने बायें तरफ देखते रहे। ब्रिक्स देशों का यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब इसके दो प्रमुख सदस्य देशों भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर छह महीने पहले हुई एक हिंसप झड़प के बाद गतिरोध बरकरार है। अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान डिजीटल माध्यम से आमना-सामना हुआ था।

प्रधानमंत्री ने कहा, भारतीय संस्कृति में, पूरे विश्व को एक परिवार को रूप में देखा जाता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र जैसे संस्थानों को समर्थन देना हमारे लिए स्वाभाविक है। भारत ने पीसकीपिंग अभियान में अपने महत्वपूर्ण जवानों को खोया है, लेकिन आज बहुध्रवीय प्रणाली संकट के एक दौर से गुजर रहा है। रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की आतंकवाद-रोधी रणनीति को अंतिम रूप देने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस कार्य को आगे बढ़ाएगा। 

पीएम मोदी ने कहा कि कोविड के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी में ब्रिक्स देशों का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा, "कोविड के बाद की वैश्विक रिकवरी में ब्रिक्स इकॉनमीज की अहम भूमिका होगी। हमारे बीच विश्व की 42 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है। हमारे देश ग्लोबल इकॉनमी के मुख्य इंजन में से हैं। ब्रिक्स देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाने का बहुत स्कोप है। हमारी आपसी संस्थाएं और सिस्टम जैसे ब्रिक्स इंटरबैंक कोऑपरेशन मकैनिजम, न्यू डिवेलपमेंट बैंक, कस्टम्स को-ऑपरेशंस भी वैश्विक रिकवरी में हमारे योगदान को कारगर बना सकते हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज मल्टिलेटरल सिस्टम एक संकट के दौर से गुजर रहा है। ग्लोबल गवर्नेंस के संस्थानों की क्रेडिबिलिटी और इफेक्टिवनेस दोनों पर ही सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इनमें समय के साथ उचित बदलाव नहीं आया है। ये अभी भी 75 साल पुराने के विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित हैं। भारत का मानना है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में रिफॉर्म्स बहुत ही अनिवार्य है। इस विषय पर हमें अपने ब्रिक्स पार्टनर्स के समर्थन की अपेक्षा है।"

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