बागेश्वरधाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज, दलित परिवार के शादी समारोह में हंगामा करने का आरोप
मुश्किल में बाबा के भाई बागेश्वरधाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज, दलित परिवार के शादी समारोह में हंगामा करने का आरोप
- घटना छतरपुर जिले के गढ़ा गांव की है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम गर्ग बड़ी मुश्किल में घिर गए हैं। उन पर छतरपुर जिला पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। शालिग्राम पर गढ़ा ग्राम में एक शादी समारोह के दौरान दलित परिवार को कट्टा दिखाकर धमकाने और उनके साथ गाली-गलौज व मारपीट करने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई पर आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 427 और एससी-एसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
यह घटना छतरपुर जिले के गढ़ा गांव की है। जहां 11 फरवरी को एक दलित परिवार की बेटी की शादी का समारोह हो रहा था। इस दौरान रात करीब 12 बजे शालिग्राम गर्ग उर्फ छोटू महाराज समारोह में पहुंचा और लोगों के साथ अभद्रता करने लगा।
— Dainik Bhaskar Hindi (@DBhaskarHindi) February 21, 2023
इस समारोह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शालिग्राम उत्पात मचाते हुए नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि वह अपने मुंह में सिगरेट फंसाये और हाथ में कट्टा लिए वहां मौजूद लोगों को धमका रहा है। इस दौरान वह वहां मौजूद एक शख्स को गाली देने के साथ उसके साथ मारपीट करने की भी कोशिश कर रहा है और कह रहा है कि गढ़ा गांव में कोई और गाना नहीं बज सकता। अगर बजेगा तो केवल बागेश्वर धाम का गाना। जब वहां मौजूद लोगों ने ऐसा करने से मना किया तो आरोपी ने उनके साथ अभद्रता की।
आरोपी शालिग्राम की इस हरकत का वहां मौजूद कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही बमीठा पुलिस भी हरकत आई और दलित परिवार की शिकायत पर 20 फरवरी को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके साथ ही एसपी ने वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिए एक स्पेशल टीम भी गठित की है।
अब देखना यह है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई की गिरफ्तारी कब तक होगी, क्योंकि एससी-एक्ट के तहत मामला दर्ज होते ही तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है। साथ इसके साथ आरोपी को इस मामले में तुरंत जमानत भी नहीं मिलती। अगर आरोपी को जमानत चाहिए तो उसे हाईकोर्ट जाना पड़ेगा, जहां से उसे नियमित जमानत मिलेगी।