MP Crisis: शिवसेना सांसद संजय राउत बोले- कांग्रेस टूट गई, सिंधिया को दिया जाना चाहिए था महत्व
MP Crisis: शिवसेना सांसद संजय राउत बोले- कांग्रेस टूट गई, सिंधिया को दिया जाना चाहिए था महत्व
- मप्र का वायरस महाराष्ट्र सरकार पर हमला नहीं करेगा : शिवसेना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालात पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, मध्यप्रदेश में जो सियासी आपातकाल है उसके लिए मैं भाजपा को ज़िम्मेदार नहीं मानता। कांग्रेस टूट गई है। कांग्रेस पार्टी में बगावत है, असंतोष है। ये कांग्रेस की मिस हैंडलिंग है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को महत्व दिया जाना चाहिए था।
मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालात पर शिवसेना नेता संजय राउत: मध्यप्रदेश में जो सियासी आपातकाल है उसके लिए मैं भाजपा को ज़िम्मेदार नहीं मानता। कांग्रेस टूट गई है। कांग्रेस पार्टी में बगावत है, असंतोष है। ये कांग्रेस की मिस हैंडलिंग है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को महत्व दिया जाना चाहिए था। pic.twitter.com/LLmC95yHT1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2020
शिवसेना ने बुधवार को यह आश्वस्त भी किया है कि महाराष्ट्र के सत्ता समीकरण अनूठे हैं और मध्य प्रदेश का वायरस महाराष्ट्र को परेशान नहीं करेगा। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर आए संकट का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, बीजेपी के इसी तरह के ऑपरेशन को 100 दिनों पहले महाराष्ट्र में विफल कर दिया गया था। राउत ने कहा, उस समय महा विकास अघाड़ी ने एक बाईपास ऑपरेशन किया था और महाराष्ट्र को बचा लिया था। आज भी चिंता करने की जरूरत नहीं है।
महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश जैसे हालात पैदा होने के सवाल पर संजय राउत:
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2020
बीजेपी ने कोशिश तो की थी यहां सरकार बनाने की, ऑपरेशन उसके ऊपर ही उल्टा पड़ गया, यहां ऑपरेशन नहीं चलेगा। यहां बहुत हमारे जैसे सर्जन बैठे हैं ऑपरेशन करने के लिए, जो ऑपरेशन करने आएगा उसका ऑपरेशन कर देंगे। pic.twitter.com/I4BfLKBIEA
राउत का यह बयान तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की दो सदस्यीय 80 घंटे की सरकार के बारे में है। कुछ दिनों बाद यह सरकार गिर गई थी, क्योंकि भाजपा सदन में बहुमत साबित करने को लेकर सुनिश्चित नहीं थी। उसके बाद पिछले साल 28 नवंबर को शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की एमवीए गठबंधन सरकार बनी थी, और शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
राकांपा के प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि एमवीए दलबदल में रुचि नहीं रखता, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा में गठबंधन के पास पर्याप्त संख्या है। लेकिन उन्होंने चेतावनी के रूप में कहा कि अक्टूबर 2019 के चुनाव से पहले शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस को छोड़कर कई विधायक भाजपा में चले गए थे, लेकिन वे अब अपनी-अपनी पार्टियों में घरवापसी के इच्छुक हैं।
कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने मंगलवार शाम कहा था कि राज्य में एमवीए सरकार स्थिर है और गठबंधन के सभी तीन सहयोगी भाजपा की किसी भी कोशिश को विफल कर देंगे। फिलहाल एमवीए के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 170 सदस्यों का समर्थन हासिल है, जबकि भाजपा के पास 105 सदस्य हैं, और बाकी 13 सदस्य अन्य दलों के हैं।
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