Monitoring: नोएडा में अब कुत्ते पालने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं तो मालिक को देना होगा 5 हजार का जुर्माना

Monitoring: नोएडा में अब कुत्ते पालने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं तो मालिक को देना होगा 5 हजार का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-17 22:57 GMT
Monitoring: नोएडा में अब कुत्ते पालने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं तो मालिक को देना होगा 5 हजार का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, गौतमबुद्धनगर। नोएडा प्राधिकरण ने पालतू कुत्तों को लेकर एक नई नीति बनाई है, जिसमें पालतू कुत्तों को पालने के लिए एक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। अगर आप पालतू कुत्ता पालने का शौक रखते हैं तो अब आपको अपने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। वहीं रजिस्ट्रेशन की फीस 500 रुपये प्रति कुत्ता होगी। रजिस्ट्रेशन का हर साल रिन्यूवल कराना होगा। रजिस्ट्रेशन न कराने पर मालिकों को 5 हजार रुपये जुर्माना लगेगा।

इस योजना को पेट डॉग रजिस्ट्रेशन स्कीम नाम दिया जा सकता है। इस योजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एजेंसी का चयन करना शुरू कर दिया है। दरअसल, एजेंसी जिले में सभी पालतू कुत्तों का आंकड़ा इकट्ठा करेगी और उनके समय-समय पर वैक्सीनेशन लगे हैं या नहीं, ये भी सुनिश्चित करेगी। एजेंसी पालतू जानवरों का रिकॉर्ड रखेगी और पालतू कुत्तों से संबंधित सभी समस्याओं पर भी नजर बनाएगी। साथ ही, इन सभी चीजों की मॉनिटरिंग के लिए पालतू कुत्ते के गले में एक पट्टा बांधा जाएगा, जिसमें एक चिप लगाई जाएगी, ताकि पालतू कुत्ते की पहचान आसानी से की जा सके।

500 रुपए प्रति कुत्ता रजिस्ट्रेशन कराना होगा
हाल ही में हुई नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में इस योजना के बारे में चर्चा हुई थी। नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी इंदु प्रकाश सिंह ने बताया कि एजेंसी का काम होगा कि जितने भी नोएडा प्राधिकरण की सीमा के अंदर पालतू कुत्ते हैं, उनका 500 रुपये प्रति कुत्ता रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं कुत्ते से संबंधित पूरी जानकारी रखनी होगी, एंजेसी समय-समय पर कुत्तों की वेक्सिनेशन भी कराएगी।

​रजिस्ट्रेशन के बाद कुत्तों को लगाई जाएगी चिप
सिंह ने कहा कि रजिस्ट्रेशन होने के बाद एक चिप कुत्तों को लगाई जाएगी। उससे कहीं से अगर किसी की पालतू कुत्तों को लेकर शिकायत मिलती है तो एजेंसी उस चिप की मदद से कुत्ते के बारे में आसानी से जानकारी निकाल सकेंगे। जन मानस की सुविधा के लिए ये योजना बनाई गई है, इससे प्राधिकरण को ये भी जानकारी मिलेगी कि जिले में कितने पालतू कुत्ते हैं और कितने आवारा कुत्ते हैं।

बूढ़ा होने पर कुत्तों को आवारा छोड़ देते हैं
हालांकि ये देखा गया है कि अक्सर कुत्ता जब बूढ़ा हो जाता है तो उसके मालिक उसे छोड़ देते हैं। कुछ लोग अपने कुत्तों को अग्रेसिव ट्रेनिंग देते हैं, जिससे अक्सर कुत्तों के काटने की शिकायत आती है। इस योजना से इस तरह की शिकायतों पर काफी रोक लगेगी, वहीं कुत्तों से संबंधित समस्याओं को आसानी से सुलझाया भी जा सकेगा।
 

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