ऊर्जा मंत्रालय के साथ समीक्षा बैठक: PM मोदी बोले- एक समाधान सबके लिए फिट नहीं होगा, सौर ऊर्जा पर दें जोर
ऊर्जा मंत्रालय के साथ समीक्षा बैठक: PM मोदी बोले- एक समाधान सबके लिए फिट नहीं होगा, सौर ऊर्जा पर दें जोर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा मंत्रालय और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ एक समीक्षा बैठक की। इसमें पीएमने कहा, मंत्रालयों को वन-साइज-फिट्स-ऑल समाधान तलाशने की बजाय राज्यों के अनुरूप समाधान करने चाहिए। इससे प्रत्येक राज्य अपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकेंगे।
गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, बुधवार शाम को प्रधानमंत्री ने मंत्रालय के साथ समीक्षा बैठक में नीतिगत पहलों, संशोधित टैरिफ नीति और बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 में बिजली क्षेत्र से पीड़ित समस्याओं के निवारण पर चर्चा की।
PM advised the Ministry of Power to ensure that DISCOMs publish their performance parameters periodically. He also desired to expedite the plan for carbon-neutral Ladakh and emphasized for drinking water supply in coastal areas by harnessing the solar and wind energy. https://t.co/rJeMjtX5zj
— ANI (@ANI) May 28, 2020
बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री ने परिचालन दक्षता बढ़ाने और बिजली क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता में सुधार करते हुए उपभोक्ता संतुष्टि को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, बिजली क्षेत्र, विशेष रूप से बिजली वितरण खंड की समस्याएं अलग-अलग क्षेत्रों और राज्यों में भिन्न-भिन्न हैं। मंत्रालय को वन-साइज-फिट्स-ऑल एक-आकार-फिट सॉल्यूशन की तलाश करने के बजाय, प्रत्येक राज्य को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों के अनुरूप समाधानों को लागू करना चाहिए। यानि कि हर राज्य की समस्या के मुताबिक उसका समाधान खोजना चाहिए।
नई और नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में, प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र की संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला के लिए सौर जल पंपों से लेकर विकेंद्रीकृत सौर ठंड भंडारण तक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने रूफटॉप सोलर के लिए इनोवेटिव मॉडल पर भी जोर दिया और इच्छा जाहिर की कि प्रत्येक राज्य में कम से कम एक शहर ऐसा हो, जो रूफटॉप सौर ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से पूरी तरह से सौर ऊर्जा आधारित शहर हो।
मोदी ने भारत में सिल्लियां, वेफर्स, सेल और मॉड्यूल के निर्माण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भी जोर दिया, जो कई अन्य लाभों के अलावा रोजगार पैदा करने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कार्बन न्यूट्रल लद्दाख की योजना में तेजी लाने की इच्छा जताई और सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके तटीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति पर जोर दिया।