मॉब लिंचिंग पर बोले आजम- आजादी के बाद से सजा काट रहे हैं मुसलमान
मॉब लिंचिंग पर बोले आजम- आजादी के बाद से सजा काट रहे हैं मुसलमान
- 1947 में मुसलमान पाकिस्तान क्यों नहीं गए? ये मौलाना आजाद
- नेहरू और बापू से पूछिए
- आजादी के बाद से मॉब लिंचिंग का शिकार हो रहे हैं मुसलमान
- मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान का बयान
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। देशभर में आए दिन हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान ने बड़ा बयान दिया है। आजम खान का कहना है, मुसलमान आजादी के बाद से ही इसकी सजा भुगत रहे हैं। आजम ने ये भी कहा, 1947 में मुसलमान पाकिस्तान क्यों नहीं गए? ये मौलाना आजाद, नेहरू और बापू से पूछिए।
मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को आजम खान ने कहा, यह एक ऐसी सजा है जो 1947 से ही मुस्लिमों को मिल रही है। मुस्लिम जहां भी जाएंगे उन्हें यह झेलना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा, हमारे पूर्वज पाकिस्तान क्यों नहीं गए, यह सवाल मौलाना आजाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और बापू से पूछना चाहिए। इन्ही लोगों ने मुस्लिमों के लिए सुरक्षा का वादा किया था।
Azam Khan,Rampur MP on mob lynching incidents:It"s the punishment Muslims are getting after 1947.Muslims will face it whatever may it be.Why didn’t our ancestors go to Pakistan?Ask this to Maulana Azad,Jawaharlal Nehru, Sardar PatelBapu.They had made promises to Muslims. (19.07) pic.twitter.com/RoRWpm8JqV
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
आजम खान ने ये भी कहा कि, मुसलमान बंटवारे के हिस्सेदार ही नहीं थे और उसके गुनहगार भी नहीं थे, लेकिन आज उसकी सजा मिल रही है। मुसलमान बंटवारे के बाद से लगातार सजा भुगत रहे हैं। अब जो भी स्थित हो मुस्लिम इसका सामना करेंगे।
आपको बता दें कि, इन दिनों आजम खान भूमि विवाद को लेकर घिरे हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दर्जन से भी अधिक मामलों में फंसे आजम खान को "भू-माफिया" की लिस्ट में शामिल किया है। रामपुर प्रशासन ने राज्य सरकार के एंटी-भू माफिया पोर्टल पर आजम खान को सूचीबद्ध किया है। उनके ऊपर अब गिरफ्तारी की भी तलवार लटक रही है। बुधवार को रामपुर के थानों में 24 घंटे के अंदर आजम खान के खिलाफ आठ और मुकदमें दर्ज कराए गए थे।
जिला अधिकारी बताया था कि, शासनादेश के मुताबिक ऐसे लोगों को भूमाफिया घोषित किया जाता है जो दबंगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हैं। जो लोग अवैध कब्जे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और जिनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज है उनका ही नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है। सरकार भी इसकी निगरानी करती है।