वित्त मंत्रालय की सफाई: शासकीय विभागों में भर्तियों पर कोई रोक नहीं, पहले की तरह ही दी जाएंगी सरकारी नौकरी
वित्त मंत्रालय की सफाई: शासकीय विभागों में भर्तियों पर कोई रोक नहीं, पहले की तरह ही दी जाएंगी सरकारी नौकरी
- राहुल गांधी ने कहा- मोदी सरकार की सोच ज्यादा से ज्यादा प्राइवेटाइजेशन करने की
- सरकार ने निर्देश दिए हैं कि किसी मंत्रालय या विभाग में नई पोस्ट क्रिएट न की जाए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मंत्रालयों और विभागों को खर्चे कम करने के निर्देश वाले सर्कुलर पर सरकार को एक दिन बाद ही सफाई जारी करनी पड़ गई। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि सरकारी पोस्ट की भर्ती पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। सरकारी एजेंसियों जैसे एसएससी, यूपीएससी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, आदि के जरिए भर्तियां पहले की ही तरह की जाएंगी। मंत्रालय ने आगे कहा कि व्यय विभाग (04 सितंबर 2020) का जो सर्कुलर है, वो पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है और यह किसी भी तरह से भर्ती को प्रभावित नहीं करता है।
CLARIFICATION:
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 5, 2020
There is no restriction or ban on filling up of posts in Govt of India . Normal recruitments through govt agencies like Staff Selection Commission, UPSC, Rlwy Recruitment Board, etc will continue as usual without any curbs. (1/2) pic.twitter.com/paQfrNzVo5
बता दें कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के चलते सरकार ने शुक्रवार को जारी सर्कुलर में कहा था कि किसी विभाग में कोई नई पोस्ट क्रिएट नहीं की जाएगी। सरकार ने मंत्रालयों/विभागों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी। इस सर्कुलर पर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाए थे। इसके बाद सरकार ने ये सफाई दी है।
नए पदों के सृजन पर रोक
मंत्रालय ने कहा था कि परामर्शकों का शुल्क तय करते समय इस बात की सावधानी बरती जाए कि इससे उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित नहीं हो। नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर प्रतिबंध रहेगा। कुछेक मामलों में व्यय विभाग की अनुमति से नए पदों का सृजन किया जा सकता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि यदि एक जुलाई, 2020 के बाद यदि कोई नया पद बनाया गया है, जिसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी नहीं ली गई है, और इस पर यदि नियुक्ति नहीं हुई है, तो इसे रिक्त ही रखा जाए।
सरकारी दफ्तरों को स्थायी ‘स्टाफ-मुक्त’ बनाया जा रहा: राहुल
एक मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ्तरों को स्थायी ‘स्टाफ-मुक्त’ बनाना है। युवाओं का भविष्य चुराना है। ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है।