म्यांमार से बड़े पैमाने पर तस्करी, सीमा शुल्क कर्मियों की कमी
सीमा शुल्क विभाग म्यांमार से बड़े पैमाने पर तस्करी, सीमा शुल्क कर्मियों की कमी
- गोदामों की कमी और अपर्याप्तता
डिजिटल डेस्क, आइजोल। म्यांमार से ड्रग्स, तंबाकू उत्पाद, सोना और विदेशी जानवरों की तस्करी पूर्वोत्तर खासकर मिजोरम में बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन सीमा शुल्क विभाग को कर्मचारियों की कमी और अपर्याप्त गोदामों का सामना करना पड़ रहा है।
सहायक आयुक्त एचएल सोंगटे के नेतृत्व में सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को राजभवन में मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात की और अपर्याप्त जनशक्ति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मिजोरम सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने राज्यपाल को म्यांमार और बांग्लादेश के साथ सीमा पार से माल की आमद की जांच में उनकी दक्षता में बाधा डालने वाले गोदामों की कमी और अपर्याप्तता के बारे में अवगत कराया।
सोंगटे ने राज्यपाल को बताया कि जोखावथर और लवंगतलाई सिल्सूरी भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को मजबूत करने से पड़ोसी देशों के साथ सीमा व्यापार की बेहतर निगरानी में काफी मदद मिल सकती है। राज्यपाल ने सीमा शुल्क अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह उनके सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं को कम करने में आसानी से उनका समर्थन करेंगे और उनसे अनुरोध किया कि वह अपनी कोई भी शिकायत या सहायता के लिए लिखित रूप में प्रस्तुत करें।
मिजोरम स्थित इंटरनेशनल ट्रेड इनिशिएटिव फोरम (आईटीआईएफ) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिजोरम के राज्यपाल से जोखावथर सीमा बिंदु के माध्यम से म्यांमार के साथ व्यापार फिर से शुरू करने का आग्रह किया। आईटीआईएफ के अध्यक्ष पी.सी. मणिपुर के मुख्य सचिव के रूप में सेवा देने वाले एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी लॉमकुंगा ने आईएएनएस को बताया, भारत और म्यांमार के बीच औपचारिक और नियमित आधिकारिक सीमा व्यापार के अभाव में न केवल तस्करी और अवैध व्यापार अनियंत्रित हो रहा है बल्कि सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
आईएएनएस
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