India-China Dispute: मनमोहन सिंह का मोदी पर हमला- भ्रामक प्रचार कूटनीति का विकल्प नहीं
India-China Dispute: मनमोहन सिंह का मोदी पर हमला- भ्रामक प्रचार कूटनीति का विकल्प नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, चीनी सेना को लेकर भ्रामक प्रचार करना एलएसी में भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान के साथ एक विश्वासघात होगा। यह न तो कूटनीति का विकल्प था और न ही निर्णायक नेतृत्व का।
It"s the time to stand together as a nation and be united: Manmohan Singh
— ANI Digital (@ani_digital) June 22, 2020
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मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में मोदी द्वारा दिए गए बयान की आलोचना की। इस बयान पर बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से स्पष्टीकरण आया था। यह बयान 15 जून की रात वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए आमने-सामने के हिंसक संघर्ष पर के बारे में था, जिसमें एक कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। प्रधानमंत्री मोदी के बयान का इस्तेमाल बाद में चीनियों ने गलवान घाटी में अपने कुकृत्यों को ढकने के लिए कर लिया।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपने शब्दों का षड्यंत्रकारी तरीके से इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करें और इसे आगे बढ़ने से रोकें।
मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा, हम सरकार को याद दिलाते हैं कि भ्रामक प्रचार कूटनीति या निर्णायक नेतृत्व का विकल्प नहीं होता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच को दबाया नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों के निहितार्थ के बारे में सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, भारतीय लोकतंत्र में जिम्मेदारी प्रधानमंत्री कार्यालय पर रहती है। प्रधानमंत्री को हमेशा अपने राष्ट्र की सुरक्षा, रणनीतिक और क्षेत्रीय हितों की रक्षा के साथ अपने शब्दों और घोषणाओं के निहितार्थ का ध्यान रखना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन, अप्रैल 2020 से अब तक कई बार घुसपैठ करके गलवान घाटी और पेंगॉन्ग त्सो जैसे भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर अपना दावा कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, देश ने 15-16 जून, 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में बीस बहादुर सैनिकों को खो दिया। उन्होंने हमारे देश के लिए बलिदान दिया, वीरता और कर्तव्य के अंतिम कार्य में अपना जीवन लगा दिया। हमारे बहादुरों ने अपनी अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इसके लिए हम उनके और उनके परिवारों के प्रति आभारी हैं। मनमोहन सिंह ने कहा, हम धमकी से नहीं डरेंगे और न ही अपनी क्षेत्रीय अखंडता के साथ किसी को समझौता करने देंगे।