कोरोना वैक्सीन का असर भी हो रहा कम, भारत में बूस्टर डोज लगाने की तैयारियां तेज!

बहुत गंभीर खतरा- WHO कोरोना वैक्सीन का असर भी हो रहा कम, भारत में बूस्टर डोज लगाने की तैयारियां तेज!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-30 07:16 GMT
हाईलाइट
  • विशेषज्ञों की एक समिति भारत सरकार से करेगी सिफारिश

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनियाभर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ कन्सर्न कहा है और इसे लेकर चिंता जाहिर की है। हालांकि, पिछली बार डेल्टा के लिए भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वेरिएंट ऑफ कन्सर्न की घोषणा की थी। लेकिन, इस बार ओमिक्रॉन को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट ने दावा किया है कि, इस वेरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज थैरेपी का कोई असर नहीं होता है। ऐसे में माना जा रहा कि, भारत में बूस्टर डोज देने पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही वैक्सीन की तीसरी खुराक दी जाएगी। 

बूस्टर डोज पर चर्चा तेज

बता दें कि, विशेषज्ञों की एक समिति भारत सरकार से ये सिफारिश करने वाली है कि, देश में बूस्टर डोज की आवश्यकता है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, समिति जल्द ही सरकार से कहेगी कि, भारत में जिन लोगों का इम्मयूनिटी कमजोर है, जो बुजुर्ग है या फिर जिन लोगों में संक्रमित होने के बाद मौत का खतरा ज्यादा है..ऐसे लोगों को बूस्टर डोज देना ठीक रहेगा। सलाहकार समूह की मीटिंग अगले हफ्ते होने की उम्मीद है। 

एनटीएजीआई ने अगर इस सिफारिश को मंजूरी दे दी तो, स्वास्थ्य मंत्रालय अपना अंतिम फैसला लेगी। हालांकि, इतनी प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए ये कहना बेहद मुश्किल है कि, भारत में कब से बूस्टर डोज देने की शुरुआत की जाएगी। द टाइम्स ऑफ इंडिया से एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर कहा कि, "हम यह फैसला अगले हफ्ते एनटीएजीआई की मीटिंग के बाद लेंगे।"

क्या है ओमिक्रॉन के लक्षण?
बीबीसी की खबर के अनुसार,दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले इस नए वेरिएंट की पहचान की थी डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि, हमने इसके लक्षण सबसे पहले एक 30 साल के व्यक्ति में देखे थे। उसे बहुत ज्यादा थकान थी, हल्का सिरदर्द और पूरे शरीर में भी दर्द था। खांसी तो नहीं थी लेकिन, गला छिला हुआ था।

उस व्यक्ति में स्वाद और गंध की क्षमता खत्म होने जैसे लक्षण भी नहीं थे। ये बात थोड़े से लोगों को देखकर कही गई है। अलग-अलग लोगों में लक्षण में अलग ही होंगे, जिसे लेकर कोई स्पष्ट दावा नहीं किया गया है। डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी के अनुसार, जिन लोगों में ओमिक्रॉन के हल्के लक्षण दिखाई दिए उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत नहीं पड़ी। ऐसे मरीजों का घर पर ही इलाज किया गया। 

बता दें कि, ओमिक्रॉन सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही नहीं बल्कि अब दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। शनिवार को इसके मरीज जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल और हॉन्गकॉन्ग में पाए गए। वहीं ब्रिटेन में इसके 2 मामले सामने आए। 


 

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