कैबिनेट के बड़े फैसले: छोटे उद्योगों को 20 हजार करोड़ का कर्ज मंजूर, खरीफ की 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83% तक का इजाफा
कैबिनेट के बड़े फैसले: छोटे उद्योगों को 20 हजार करोड़ का कर्ज मंजूर, खरीफ की 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83% तक का इजाफा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के दौर में अनलॉक 1 के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पहली बार पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में प्रेसवार्ता के जरिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नरेंद्र सिंह तौमर और नितिन गडकरी ने जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बैठक में किसानों, MSME को लेकर कई फैसले लिए गए। जावडेकर ने कहा कि मजबूत और महत्वपूर्ण भारत के निर्माण में MSME की बड़ी भूमिका है। कोविड को देखते हुए इस सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की हैं। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई घोषणाएं की गई हैं।
MSME को 20 हजार करोड़ लोन के प्रस्ताव को मंजूरी
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि MSME की परिभाषा बदलने के साथ अब इसका दायरा भी बढ़ाया गया है। MSME में ये संशोधन 14 साल बाद किए गए हैं। 20 हजार करोड़ रुपए के अधीनस्थ कर्ज के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसी के साथ 50 हजार करोड़ के इक्विटी निवेश को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि MSME के कारोबार की सीमा 5 करोड़ रुपए की गई है। आज की बैठक में जो फैसले लिए गए हैं उससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में 6 करोड़ से ज्यादा MSME की अहम भूमिका है। लोग अपना कामकाज ठीक से कर सकें, इसके लिए सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं। जावड़ेकर ने कहा कि MSME को लोने देने की व्यवस्था की गई है। MSME के लिए 20 हजार करोड़ रुपए लोन देने का प्रावधान है। सैलून, पान की दुकान और मोची को भी इस योजना से लाभ होगा। सरकार व्यवसाय को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है। MSME को लोन देने के लिए 3 लाख करोड़ की योजना है। रेहड़ी पटरी वालों के लिए लोन की योजना लाई गई है। रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार का लोन मिलेगा।
प्रतिकूल समय में बंपर उत्पादन
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि प्रतिकूल समय में भी बंपर उत्पादन हुआ है। मक्का में 52 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। गांव, किसान, गरीब को लेकर सरकार काम कर रही है। 93 लाख मिट्रिक टन धान अब तक खरीदा गया है।
- इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए भी कई अहम फैसले लिए हैं।
- 14 फसलों पर किसानों को लागत से 50 से 83 फीसदी ज्यादा कीमत मिलेगी।
- खेती से जुड़े काम के लिए 3 लाख तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है।
- किसानों के अलावा खेती से जुड़ी अन्य गतविधियों को भी वित्तीय मदद दी है।
- 80 लाख टन से ज्यादा अनाज लोगों तक पहुंचाया गया।
- किसानों को ब्याज में छूट देने का भी प्रावधान किया जा रहा है।
- सरकार ने हर मामले पर संवदेनशीलता से काम किया और इसी वजह से समय पर किसानों ने फसल की कटाई का काम किया।
- इसी वजह से किसानों ने देश को बंपर फसल पैदा कर के दी।
- कई फसलों के समर्थन मूल्यों में बढ़ोतरी की गई है।
- समय से कर्ज चुकाने पर किसानों को 4 फीसदी दर पर ऋृण मिलेगा।
किस फसल का एमएसपी कितना?
फसल | 2019-20 में एमएसपी | 2020-21 में एसएसपी |
सामान्य धान | 1,815 | 1,868 |
ए-ग्रेड धान | 1,835 | 1,888 |
ज्वार | 2,570 | 2,620 |
बाजरा | 2,000 | 2,150 |
कपास | 5,255 | 5,515 |
कपास (लंबा रेशा) | 5,550 | 5,825 |
एमएसएई के 15 फीसदी इक्विटी खरीदने की योजना
नितिन गडकरी ने कहा कि MSME की मजबूती से निर्यात बढ़ेगा. 25 लाख MSME के पुनर्गठन की उम्मीद है। मजबूत एमएसएई के 15 फीसदी इक्विटी खरीदने की योजना है। कमजोर उद्योगों को उबारने के लिए 4 हजार करोड़ का फंड दिया गया है। उन्होंने कहा कि MSME के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। MSME से 6 करोड़ छोटे कारोबारी जुड़े हैं, जिन्हें इस योजना से बड़ा लाभ मिलेगा। 2 लाख MSME नए फंड से फिर शुरू हो जाएंगे।