आत्मनिर्भर बिहार: PM मोदी ने मत्स्य संपदा योजना का किया शुभारंभ, किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप लॉन्च
आत्मनिर्भर बिहार: PM मोदी ने मत्स्य संपदा योजना का किया शुभारंभ, किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप लॉन्च
- पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की
- विधानसभा चुनाव से पहले बिहार को योजनाओं की सौगात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार को करोड़ों की योजनाओं की सौगात दी। ये सभी योजनाएं मछली पालन, पशुपालन और कृषि क्षेत्र से जुड़ी हैं। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana- PMMSY) का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री के बटन दबाते ही बिहार सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना के तहत 1700 करोड़ रुपये के कार्यक्रम शुरू हो गए। किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप (e-Gopala App) भी लॉन्च की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्चिंग के दौरान कहा, यह ऐप किसानों और पशुपालकों के बहुत काम आएगा। इससे पशुपालकों को तकनीकी जानकारी मिलेगी। प्रधानमंत्री ने बिहार के पशुपालकों से भी बात की। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने बिहार में मछली पालन और पशुपालन क्षेत्रों में भी कई नई पहलों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
Prime Minister Narendra Modi to digitally launch the Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY), today. He will also launch e-Gopala App for farmers along with several other initiatives in the fisheries and animal husbandry sectors in Bihar. pic.twitter.com/rjcWGJuAFF
— ANI (@ANI) September 10, 2020
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज जितनी भी योजनाएं शुरु हुई हैं, उनके पीछे की सोच ये है कि हमारे गांव 21वी सदी के भारत, आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनें। कोशिश ये है कि मछली पालन, डेयरी, शहद उत्पादन से जुड़े काम, हमारे गांव को और सशक्त करें। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आज से देश के 21 राज्यों में इस योजना का शुभारंभ हो गया है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें से आज 1700 करोड़ रुपए का काम शुरु हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा:-
- बिहार के पटना, पूर्णियां, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में अनेक सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे मछली उत्पादकों को नया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, आधुनिक उपकरण मिलेंगे, नया मार्केट भी मिलेगा। समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को ध्यान में रखते हुए पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। आजादी के बाद इस पर जितना निवेश हुआ, उससे भी कई गुना ज्यादा निवेश प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर किया जा रहा है।
- देश में मछली से जुड़े व्यापार कारोबार को देखने के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया है। इससे मछली पालन से जुड़े लोगों को सुविधा हो रही है। कोशिश है कि आने वाले 3-4 साल में मछली निर्यात को दोगुना किया जाए। इससे मत्स्य क्षेत्र में ही रोजगार के लाखों अवसर मिलेंगे।
- इस बात पर बहुत जोर दिया जा रहा है कि मुफ्त राशन की योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का लाभ बिहार के हर जरूरतमंद साथी तक पहुंचे, बाहर से गांव लौटे हर श्रमिक परिवार तक पहुंचे। पीएम किसान सम्मान निधि से भी देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधा पैसा पहुंचाया गया है। इसमें करीब 75 लाख किसान बिहार के भी हैं। जब से योजना शुरु हुई है, तब से अब तक करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए बिहार के किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार में गांव-गांव तक पानी पहुंचाने पर तेजी से काम हो रहा है। 4-5 साल पहले बिहार के गांव में सिर्फ 2 प्रतिशत घरों में साफ पानी की सप्लाई थी। आज ये आंकड़ा बढ़कर 70 प्रतिशत से अधिक है।
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ई- गोपाला ऐप एक ऐसा डिजिटल माध्यम होगा जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी, उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। ये ऐप पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा।
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अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे। यानि एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।
बिहार की विकास परियोजनाओं में शामिल है-
- पूसा (समस्तीपुर) में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में एक मछली उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र (Fish Production Technology Centre) का उद्घाटन
- पूर्णिया, पटना और बेगूसराय में पशुपालन से जुड़े अहम प्रोजेक्ट लॉन्च
-सीतामढ़ी में फिश ब्रूड बैंक की स्थापना।
- किशनगंज में जलीय रोग रेफरल प्रयोगशाला (Aquatic Disease Referral Laboratory) की स्थापना।
- मधेपुरा में फिश फीड मिल का उद्घाटन।
- पटना में फिश ऑन व्हील्स (Fish on Wheels) की दो इकाइयों का शुभारंभ।
क्या है पीएम मत्स्य संपदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास योजना है। इसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 की अवधि के दौरान सभी राज्यों में कार्यान्वित किया जाना है। इस योजना में 20,050 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होना है। इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपये का निवेश समुद्री, अंतदेर्शीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केन्द्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपये का निवेश फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रस्तावित है। इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को केंद्रीय बजट 2019-20 पेश करते हुए भारत की संसद में अपने भाषण के दौरान की थी।