भारत के सांस्कृतिक स्वरूप को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करता है केरल, विश्व के लोगों को अपनी तरफ करता है आकर्षित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का चार दिवसीय दौरा भारत के सांस्कृतिक स्वरूप को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करता है केरल, विश्व के लोगों को अपनी तरफ करता है आकर्षित

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-23 16:30 GMT
भारत के सांस्कृतिक स्वरूप को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करता है केरल, विश्व के लोगों को अपनी तरफ करता है आकर्षित
हाईलाइट
  • मानवता की अनुपम मिसाल पेश करता केरल

डिजिटल डेस्क, तिरूवनंतपुरम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि उन्हें केरल आना इसलिए पसंद है क्योंकि यह भारत के सांस्कृतिक और सामंजस्यकारी स्वरूप को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करता है।

श्री कोविद राज्य के चार दिवसीय दौरे पर हैं और उनका कहना है केरल भारत के सांस्कृतिक और सामंजस्यकारी स्वरूप को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करता है। इसने विश्व के अन्य हिस्सों के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया है और विभिन्न संस्कृतियों तथा धर्मों को आत्मसात करते हुए अपनी विशिष्टताओं को बरकरार रखा है।

उन्होंने कहा कि केरल के लोगों ने भारत और विश्व के अन्य हिस्सों में अपने लिए विशेष सम्मान अर्जित किया है और विदेशों में बसे यहां के उद्यमी ना केवल भारत में धन भेज रहे हैं बल्कि विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा और मान को बढ़ाया है।

राष्ट्रपति कोविंद ने यह बात दिवंगत पी एन पणिक्कर की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर कही। वह सीखने, साक्षरता और पुस्तकालय आंदोलन के प्रणेता थे। राष्ट्रपति ने कहा मुझे केरल आना इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि यह राज्य मुझे उस ऊर्जा से भर देता है जो यह प्रकृति मां की गोद से हासिल करता है। मुझे याद है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नई सहस्राब्दी का स्वागत करने के लिए इसी भूमि को चुना था। केरल की वेम्बनाद झील के किनारे कुमाराकोम में बिताए गए पांच दिनों के दौरान उन्होंने कवियों और चिंतकों के साथ विचार विमर्श किया था।

उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में कोविड महामारी के दौरान केरल की नर्सो और चिकित्सकों ने मानवता की सेवा कर एक अनुपम मिसाल पेश की थी और विश्च के अन्य देशों में भी वे कोराना योद्धा के रूप में उभरे थे। केरल के लोग भारत का मान बढ़ाते हैं।

 

(आईएएनएस)

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