JNU हिंसा: JNUSUअध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 हमलावर बेनकाब, दिल्ली पुलिस ने मांगा जवाब

JNU हिंसा: JNUSUअध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 हमलावर बेनकाब, दिल्ली पुलिस ने मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-10 12:25 GMT
JNU हिंसा: JNUSUअध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 हमलावर बेनकाब, दिल्ली पुलिस ने मांगा जवाब
हाईलाइट
  • 5 जनवरी की रात को नकाबपोशों ने JNU में किया था हमला
  • जेएनयू हिंसा मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं
  • दिल्ली पुलिस ने पहचाने गए 9 छात्रों से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों पर हमला करने वाले आरोपी छात्रों की पहचान दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कर ली है। दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जेएनयू हिंसा की शुरुआत एक जनवरी से ही हो गई थी। पुलिस ने जेएनयू में हुई हिंसा के दौरान 9 हमलावरों को बेनकाब किया है। पुलिस ने इन हमलावरों में जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष का नाम भी उजागर किया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि जेएनयू हिंसा में जिन लोगों की पहचान की गई उनमें जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष सहित चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं।

 

 

डीसीपी डॉ जॉय टिर्की ने बताया कि अब तक किसी भी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन हम जल्द ही संदिग्धों से पूछताछ शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि जेएनयू हिंसा मामले की जांच को लेकर कई तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है। एक जनवरी से लेकर 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था। हालांकि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (JNUSU) सहित स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया (SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) छात्र संगठनों ने छात्रों को रजिस्ट्रेशन करने से रोका। रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमकाया जा रहा था। इसके बाद विवाद बढ़ता गया और 5 जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में संदिग्ध छात्रों ने हमला किया।

 

 

30-32 गवाहों से भी पूछताछ भी की
टिर्की ने कहा कि जेएनयू में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए। नकाबपोश जानते थे कि उन्हें किन कमरों में जाना है। हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं। हालांकि हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है। इसको लेकर हमने 30-32 गवाहों से भी पूछताछ भी की है। टिर्की ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में कैद संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं। इस आधार पर अब तक 3 मामले दर्ज किए हैं। 

जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह की अगुवाई में एक टीम कर रही जांच
हालांकि अभी तक पुलिस जेएनयू कैंपस में लाठी-डंडे चलाने वालों और सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। ऐसे में दिल्ली पुलिस को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जेएनयू हिंसा मामले की जांच के लिए जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया। यह टीम मामले की जांच कर रही है।

बता दें कि रविवार 5 जनवरी की रात को जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों पर हमला किया था। इसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र बुरी तरह घायल हो गए थे। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी के सिर और हाथ में गंभीर चोट आई थीं।


 
 

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