आतंकियों के समर्थन में महबूबा बोलीं- वे इसी मिट्टी के बच्चे, उन्हें बचाना चाहिए
आतंकियों के समर्थन में महबूबा बोलीं- वे इसी मिट्टी के बच्चे, उन्हें बचाना चाहिए
- पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने एक बयान में कश्मीरी उग्रवादियों का समर्थन किया।
- महबूबा का यह बयान जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों के लगातार हो रहे एनकाउंटर के बाद आया है।
- महबूबा ने कहा- स्थानीय कश्मीरी उग्रवादी भी इसी मिट्टी के बच्चें हैं
- हमें उन्हें बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने एक बयान में कश्मीरी उग्रवादियों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि स्थानीय उग्रवादी इसी मिट्टी के बच्चे हैं। हमारी कोशिश उन्हें मारना नहीं बल्कि बचाने की होनी चाहिए। महबूबा का यह बयान जम्मू-कश्मीर में हथियारबंद उग्रवादियों के सेना द्वारा हो रहे लगातार एनकाउंटर के बाद आया है।
दरअसल, महबूबा JNU में लगे देशद्रोही नारों के मामले में चार्जशीट पेश होने से जुड़े सवालों का जवाब दे रही थीं। इस चार्जशीट में सात कश्मीरी छात्रों के नाम आने से वे नाराज थीं। उन्होंने इस चार्जशीट पर कहा कि JNU मामले में जो चार्जशीट पेश की गई है, वह बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा, "ऐसा महसूस हो रहा है कि 2019 के चुनाव की तैयारी में जम्मू-कश्मीर के लोगों को फिर से मोहरा बनाया जा रहा है। उनको इस्तेमाल किया जा रहा है। वोट की राजनीति हो रही है।"
Mehbooba Mufti: Jo ki (chargesheet in JNU sedition case) bilkul ghalat hai. Aisa mehsoos ho raha hai ki 2019 ke elections ki tayari mein JK ke logon ko phir se mohra banaya jaa raha hai. unko istemaal kiya ja raha hai. Vote ki rajniti ho rahi hai https://t.co/c5neNJ2HXM
— ANI (@ANI) January 15, 2019
महबूबा ने कहा, "2014 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने अफजल गुरू को फांसी ये सोचकर दी थी कि शायद इस तरह से उनको कामयाबी मिलेगी। आज बीजेपी वही दोहरा रही है। उन्होंने कन्हैया, उमर खालिद के अलावा सात से आठ कश्मीरी छात्रों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है।"
पीडीपी चीफ ने इस दौरान बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने से जुड़े सवालों के भी जवाब दिए। उन्होंने कहा, "हमने बीजेपी के साथ हाथ इसलिए मिलाया था क्योंकि जनमत उनके साथ था। हमने सोचा था कि वाजपेयी जी ने जिस तरह जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को संभाला था, पाकिस्तान और हुर्रियत से जो बातचीत की थी, वैसा ही हम केन्द्र के साथ मिलकर फिर से करेंगे, लेकिन पीएम मोदी, वाजपेयी जी के रास्तों पर नहीं चले।"