ओमान में फंसी भारतीय महिला ने स्वदेश वापसी के लिए जयशंकर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की
ओमान ओमान में फंसी भारतीय महिला ने स्वदेश वापसी के लिए जयशंकर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की
- आरोपों झूठे और अस्वीकार्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मस्कट में अपने पति के साथ फंसी एक भारतीय महिला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अनुरोध किया है कि वह ओमानी समकक्ष से उनके प्रत्यावर्तन के लिए बात करें, क्योंकि वह कंपनी जिसके लिए उनके पति काम करते हैं, उसने कथित तौर पर उन्हें अपने स्थानीय कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत लिखने के लिए मजबूर किया गया था और अब उन्हें जान से मारने की धमकी का सामना करना पड़ रहा है।
आईएएनएस को भेजे एक ईमेल में मीना पांडे ने दावा किया कि उन्होंने कई बार ओमान में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था, लेकिन मामला अभी तक हल नहीं हुआ है। उन्होंने ओमान में भारतीय राजनयिकों से भारत में कंपनी के अध्यक्ष से संपर्क करने का अनुरोध किया है। मीना ने लिखा है, हमने पहले भी कई बार ओमान में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था, लेकिन दूतावास के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने अपने स्तर पर पूरी कोशिश की, लेकिन अभी तक हमारी कंपनी के प्रायोजक की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
उन्होंने ईमेल में कहा, पिछले 3 महीनों से हम भारतीय दूतावास से संपर्क कर रहे हैं और उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे हमारी कंपनी के अध्यक्ष से संपर्क करें और हमारी कंपनी के प्रायोजक के साथ इस मुद्दे को सुलझाएं, लेकिन फिर भी भारतीय दूतावास ओमान में कंपनी के प्रायोजक से संपर्क नहीं कर सका। मीना पांडे ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में कई मंत्रियों और संसद सदस्यों से पत्रों के माध्यम से अनुरोध किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
उनके पति सुशील पांडे ओमान में सोहर शाखा में शाखा प्रबंधक के रूप में पिछले 13 वर्षो से हुंडई कारों के वितरक ओमान ट्रेडिंग एस्टाब्लिशमेंट एलएलसी के साथ काम कर रहे हैं। हाल ही में कंपनी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया और उन्हें अपने स्थानीय ओमानी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत लिखने के लिए मजबूर किया और वादा किया कि उनके खिलाफ मामला वापस ले लिया जाएगा। मीना पांडे के अनुसार, मेरे पति ने वैसा ही किया, जैसा कहा गया था, लेकिन कंपनी ने आज तक मामला वापस नहीं लिया है . इस वजह से कंपनी के कर्मचारी उनके और हमारे परिवार के खिलाफ हैं। हमें डर है कि वे हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। हमारे दो बच्चे हैं।
उन्होंने दावा किया कि मामला अभी अदालत में नहीं पहुंचा है। भारतीय दूतावास कंपनी के प्रायोजक के साथ बातचीत करने के बजाय मस्कट में उनकी कंपनी के अधिकारियों से मामले को अदालत में ले जाने के लिए कह रहा है। मीना पांडे ने कहा, मुझे यह कहते हुए खेद है कि हमारी कंपनी के प्रायोजक के साथ बातचीत करने के बजाय, ओमान में भारतीय दूतावास सभी संबंधितों को वही डिफॉल्ट उत्तर भेज रहा है, जो हमारे प्रत्यावर्तन (रिपैट्रिएशन) का अनुरोध कर रहे हैं। यह मेरे पति की कंपनी के आरोपों के समान है जो पूरी तरह से झूठे और अस्वीकार्य हैं।
(आईएएनएस)