एक बार फिर से दुर्घटनाग्रस्त हुआ इंडियन आर्मी का चीता हेलीकॉप्टर, पायलटों की तलाश जारी
क्रैश हुआ "चीता" एक बार फिर से दुर्घटनाग्रस्त हुआ इंडियन आर्मी का चीता हेलीकॉप्टर, पायलटों की तलाश जारी
- पिछले साल अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी यही हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था
डिजिटल डेस्क, अरुणाचल प्रदेश। इंडियन आर्मी का "चीता" हेलीकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब 9 बजकर 15 मिनट पर इस हेलीकॉप्टर ने अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला से ऑपरेशनल उड़ान भरी थी। लेकिन कुछ ही समय बाद हेलीकॉप्टर का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया। जिसके बाद बोमडिला से पश्चिम की ओर मंडला के पास इसके क्रैश होने की खबर सामने आई। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है और पायलटों की तलाश की जा रही है। सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि, "बोमडीला के पश्चिम में मंडला के पास हेलिकॉप्टर कैश होने की खबर है। सर्च पार्टियों ने अभियान शुरु कर दिया है। इसके संबंध में विस्तार से जानकारी जल्द गी शेयर की जाएगी।"
पांच महीने पहले तवांग में भी हुआ था हेलीकॉप्टर क्रैश
ऐसा पहली बार नहीं है जब भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी यही हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर में मौजूद दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी। कर्नल सौरभ यादव नाम के पायलट की दुर्घटना के बाद इलाज के दौरान मृत्यु हुई थी।
60 साल पुराने हैं चीता हेलीकॉप्टर
इंडियन आर्मी में उपयोग किया जाने वाला यह चीता हेलीकॉप्टर 60 साल पुराना है। सिंगल इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर को फ्रांस की कंपनी एरोस्पेटियैल ने बनाया है। यह चीता हेलीकॉप्टर वजन में बहुत हल्ले होते हैं इसलिए यह दुर्गम इलाकों में भी आसानी से उड़ान भरकर सामान पहुंचा सकता है। इस हेलीकॉप्टर में एक समय पर 5 लोग सवार हो सकते हैं। चीता हेलीकॉप्टर ने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन लगातार दुर्घटना और पुरानी टेक्नोलॉजी होने की वजह से इसके इस्तेमाल पर लगातार सवाल उठाए जाते हैं। साल 2007 में यूपीए सरकार के दौरान रक्षा मंत्री रहे ए. के. एंटनी ने चीता हेलिकॉप्टर को लेकर कहा था कि "ये पुरानी मशीनें अब सेना की जरूरतों को पूरा नहीं करती हैं, अब इन्हें बदल देना चाहिए।"