भारत को मिला अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बेड़ा, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

भारत को मिला अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बेड़ा, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-27 15:19 GMT
भारत को मिला अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बेड़ा, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत
हाईलाइट
  • भारत ने अमेरिका के साथ AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों की डील चार साल पहले की थी
  • गले सप्ताह चार हेलिकॉप्टरों का एक और बैच डिलिवर किया जाएगा
  • बोइंग ने शनिवार को इंडियन एयरफोर्स को 4 अपाचे अटैक हेलीकाप्टर सौंप दिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने शनिवार को इंडियन एयरफोर्स को 22 अपाचे अटैक हेलीकाप्टरों में से पहले चार को सौंप दिया। जबकि अगले सप्ताह चार हेलिकॉप्टरों का एक और बैच डिलिवर किया जाएगा। भारत ने अमेरिका के साथ AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों की डील करीब चार साल पहले साइन की थी।

बोइंग ने कहा कि अपाचे का पहला बैच भारत के हिंडन एयरबेस पर आ गया है और अगले सप्ताह भारतीय वायुसेना को अतिरिक्त चार हेलिकॉप्टर डिलिवर किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "उसके बाद आठ हेलीकाप्टर पठानकोट वायुसेना स्टेशन जाएंगे जिससे कि उन्हें सितम्बर में वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सके।" बोइंग ने कहा, "शेड्यूल से पहले अपाचे की डिलिवरी, बोइंग की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है। उन्होंने कहा, "2020 तक, भारतीय वायुसेना 22 अपाचे का बेड़ा ऑपरेट करेगी।"

बोइंग ने कहा कि AH-64E में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है जिससे यह हेलीकाप्टर विश्व का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकाप्टर का स्थान बरकरार रख सके। AH-64E अपाचे ने इंडियन एयरफोर्स के लिए अपनी पहली सफल उड़ानें जुलाई 2018 में पूरी की थी। भारतीय वायुसेना के पहले दल ने अपाचे हेलीकाप्टर उड़ाने का अपना प्रशिक्षण अमेरिका में 2018 में शुरू किया था।

AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-रोल वाले लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है, और अमेरिकी सेना इसे उड़ाती है। IAF ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ बिलियन डॉलर के एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए थे। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय ने 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपये की लागत से बोइंग से वेपन सिस्टम के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।

इंडियन एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अपाचे बेड़े के एयरफोर्स में जुड़ने से लड़ाकू क्षमतओं में काफी बढ़ोत्तरी होगी। ऐसा इसीलिए क्योंकि हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है। 

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