यूरोपियन यूनियन: CAA के खिलाफ प्रस्ताव का भारत ने किया विरोध, कहा- ये हमारा आंतरिक मसला
यूरोपियन यूनियन: CAA के खिलाफ प्रस्ताव का भारत ने किया विरोध, कहा- ये हमारा आंतरिक मसला
- भारत ने EU को कोई भी कार्रवाई से पहले पूरी जानकारी जुटाने का आग्रह किया
- यूरोपियन यूनियन के CAA के खिलाफ प्रस्ताव का भारत ने विरोध किया
- यूरोपियन संसद ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर बुधवार को बहस होनी है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूरोपीय संघ (EU) के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव लाने की रिपोर्टों पर भारत ने उसे कोई भी कार्रवाई से पहले पूरी जानकारी जुटाने का आग्रह किया है। बता दें कि यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर यूरोपीय संसद में बहस और वोटिंग होगी।
CAA भारत का पूरी तरह से आंतरिक मामल
सरकार ने एक बार फिर CAA को पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला बताया है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि "भारत सरकार को सूचित किया गया है कि EU पार्लियामेंट के कुछ सदस्य नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर एक मसौदा प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं। CAA एक ऐसा मामला है जो भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है। इस कानून को संसद के दोनों सदनों में सार्वजनिक बहस के बाद उचित प्रक्रिया और लोकतांत्रिक माध्यम से अपनाया गया है। सरकार ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय संघ की संसद ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करेगी जो लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले लेजिसलेचर के अधिकारों पर सवाल उठाती है।
6 अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किए गए
यूरोपीय संघ के संसद के 751 सदस्यों में से 626 ने नागरिकता कानून और जम्मू-कश्मीर के संबंध में 6 अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इन समूहों में 108 सदस्यों वाला रिन्यू ग्रुप, यूरोपियन कंजर्वेटिव्स एंड रिफॉर्मिस्ट ग्रुप के 66 सदस्य, यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट के 41 सदस्य, यूरोपियन पीपल्स पार्टी ग्रुप के 182 सदस्य, प्रोग्रेसिव एलायंस ऑफ सोशलिस्ट एंड डेमोक्रेटिक ग्रुप के 154 सदस्य और ग्रीन्स/यूरोपियन फ्री एलायंस के 74 सदस्य शामिल हैं। यूरोपियन संसद ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर बुधवार को बहस होनी है और इसके एक दिन बाद मतदान होना है।
नागरिकता निर्धारित करने के तरीके में बेहद खतरनाक तरीके से तब्दीली
ड्राफ्ट में यह कहा गया है कि भारत में नागरिकता निर्धारित करने के तरीके में बेहद खतरनाक तरीके से तब्दीली की गई है। लोगों की चिंताओं को दूर करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने के बजाय कई सरकारी नेता प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने, फटकारने और धमकाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इस कानून के जरिए सबसे बड़े स्तर पर लोगों की नागरिकता छीनी जा सकती है, जिसकी वजह से कई लोग राज्यविहीन हो जाएंगे।