भारत और जापान की पाक को दो टूक, कहा- आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करे
भारत और जापान की पाक को दो टूक, कहा- आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और जापान ने अपने-अपने विदेश और रक्षा मंत्रियों के पहले टु-प्लस-टु फॉर्मेट डायलॉग में पाकिस्तान में संचालित आतंकवादी ठिकानों से क्षेत्रीय शांति के सामने कायम खतरे पर चिंता प्रकट की। दोनों देशों ने पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपने यहां के टेरर नेटवर्क्स पर "ठोस और निर्णायक" कार्रवाई करे।
भारतीय की ओर से बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। जापान की ओर से विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी और रक्षामंत्री तारो कोनो ने वार्ता में हिस्सा लिया। वार्ता में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी शनिवार सुबह दिल्ली पहुंचे थे।
दोनों देशों ने पाकिस्तान सरकार से विशेष तौर पर आंतकवाद से निपटने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए वादों पर पूरी तरह खरा उतरने को कहा जिनमें वैश्विक आतंक रोधी संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सुझाए कदम भी शामिल हैं।
Joint Statement after India-Japan 2+2 Foreign Defence Ministerial Meeting today: Ministers condemned in strongest terms the growing threat of terrorism acknowledged that it constituted a major threat to peace and security in the region. https://t.co/lAGTwIS9c8
— ANI (@ANI) November 30, 2019
भारत-जापान की ओर से आतंकवादी मुद्दे पर संयुक्त बयान
- सभी देशों को आतंकवादियों के पनाहगाहों और ठिकानों को जड़ से खत्म करने के लिये दृढ़ कार्रवाई करने की जरूरत है।
- भारत और जापान ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उनके नियंत्रण वाले किसी क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश पर आतंकवादी हमले करने के लिए नहीं किया जाएं।
- भारत और जापान ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता में पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी नेटवर्कों से क्षेत्रीय सुरक्षा को पैदा हो रहे खतरे का जिक्र किया।
- भारत और जापान ने पाकिस्तान से अपील की कि वह आतंकवादी नेटवर्कों के खिलाफ ठोस और स्थाई कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पूरा पालन करे।
- भारत और जापान ने सभी देशों से अपील की कि वे आतकंवादियों की पनाहगाह नष्ट करने के लिए और उन्हें वित्तीय मदद देने वाले माध्यमों को समाप्त करने लिए ठोस कदम उठाएं।
गौरतलब है कि बीते साल पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 13वें शिखर सम्मेलन के दौरान बीच द्विपक्षीय सुरक्षा व रक्षा सहयोग को मजबूती देने, विशेष सामरिक व वैश्विक भागीदारी में मजबूती लाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया था।