IAF कर्मियों की हत्या : यासीन मलिक के खिलाफ सुनवाई टली, कोर्ट ने दी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इजाजत
IAF कर्मियों की हत्या : यासीन मलिक के खिलाफ सुनवाई टली, कोर्ट ने दी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इजाजत
डिजिटल डेस्क,जम्मू। चार भारतीय वायुसेना (IAF) के कर्मियों की हत्या मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कोर्ट ने 23 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है। अदालत ने मलिक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी है। फिलहाल यासीन मलिक आतंकी फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद है। उनके संगठन पर हाल ही में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगाया गया है।
बता दें 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में वायुसेना के कर्मचारियों पर मलिक के नेतृत्व में आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। हमले में एक महिला सहित 40 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और चार कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जम्मू में नामित टाडा कोर्ट के समक्ष मलिक के खिलाफ 1990 में सीबीआई द्वारा दो आरोपपत्र दायर किए गए थे। वर्ष 1995 में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने यासिन मलिक के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी क्योंकि श्रीनगर में टाडा अदालत नहीं थी। हालांकि बाद में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने मामले को 1998 में जम्मू टाडा अदालत में स्थानांतरित कर दिया था।
Hearing in case against Yasin Malik for killing of four Indian Air Force (IAF) personnel in Kashmir has been adjourned till October 23, by TADA Court in Jammu. Court allowed Malik to be produced before the Court via video conferencing. (File pic) pic.twitter.com/qLSBP43ZZN
— ANI (@ANI) October 1, 2019
जेकेएलएफ पर लगा प्रतिबंध
यासिन मलिक की पार्टी जेकेएलएफ को हाल ही में गैरकानूनी रोकथाम कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया। यासिन मलिक पर हत्या, अपहरण, बमबारी और 101 हिसंक घटनाओं का आरोप है। इसके अलावा मलिक पर 1989 में तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद को अगवा करना का भी आरोप है। बता दें रुबैया सईद को छोड़ने के बदले चार आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की गई थी।
कश्मीरी पंडितों की हत्या
जेकेएलएफ संगठन अलगाववादी गतिविधियों में हमेशा आगे रहा है। घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्या में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के लोगों का हाथ है। फिलहाल यासिन मलिक तिहाड़ जेल में बंद है। बता दें जेकेएलएफ की स्थापना अमानुल्लाह खान ने 1970 में ब्रिटेन के बर्मिंघम में की थी।