IAF चीफ ने कहा, राफेल जेट का पहले बैच अगले साल मई तक भारत आएगा
IAF चीफ ने कहा, राफेल जेट का पहले बैच अगले साल मई तक भारत आएगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 36 राफेल जेट में से पहले चार विमान अगले साल मई तक भारत आएंगे। वायुसेना के प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। हालांकि पहला राफेल विमान भारत को अगले हफ्ते दशहरा पर ही मिल जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय यात्रा पर 7 अक्टूबर को फ्रांस जाने वाले हैं। मुख्य रूप से उनका ये दौरा पहले राफेल लड़ाकू जेट को रिसीव करने के लिए है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, "चार राफेल जेट का एक बैच अगले साल मई में भारत आएगा।" उन्होंने कहा, राफेल जेट के बेड़े में शामिल होने से वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में काफी इजाफा होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या आईएएफ 36 राफेल जेट विमानों का एक और बैच खरीदने पर विचार कर रहा है? आईएएफ प्रमुख ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव टेबल पर नहीं है और एयरफोर्स पिछले साल घोषित 114 लड़ाकू जेट विमानों को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
भारतीय वायुसेना ने राफेल का स्वागत करने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और पायलटों के प्रशिक्षण सहित पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों ने कहा कि वायुसेना का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया जाएगा, जिसे भारतीय वायुसेना के सबसे रणनीतिक रूप से स्थित ठिकानों में से एक माना जाता है। भारत-पाक सीमा वहां से लगभग 220 किलोमीटर दूर है। राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात किया जाएगा। आईएएफ ने दोनों बेसों पर शेलटर्स, हैंगर और मेंटेनेंस फैसिलिटी जैसे आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
राफेल के मैनुफैक्चरर डसॉल्ट एविएशन की मदद के लिए भारतीय वायुसेना की कई टीमें पहले ही फ्रांस का दौरा कर चुकी हैं ताकि भारत के हिसाब से इसमें ऑनबोर्ड मोडिफिकेशन किया जा सके। भारत को राफेल जेट इज़राइली हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, रडार वॉर्निंग रिसीवर, लो बैंड जैमर, 10 घंटे की फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा-रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम के साथ मिलेगा।
बता दें कि भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू जेट की खरीद के लिए लगभग 58,000 करोड़ रुपये की एक इंटर गवर्नमेंटल अग्रीमेंट पर साइन किए थे। डील के अनुसार, कॉन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से 67 महीने में जेट की डिलीवरी पूरी होनी है। ये फाइटर जेट कई शक्तिशाली हथियारों और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है।