हम 44 साल पुराने मिग-21 उड़ा रहे, इतनी पुरानी कोई कार नहीं चलाता: IAF चीफ
हम 44 साल पुराने मिग-21 उड़ा रहे, इतनी पुरानी कोई कार नहीं चलाता: IAF चीफ
- एयर चीफ मार्शल ने कहा
- दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए आधुनिक लड़ाकू विमानों की जरूरत है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पुराने पड़ चुके फाइटर जेट्स और हथियारों के मुद्दे को लेकर एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ का दर्द छलका। धनोआ ने मंगलवार को कहा कि, हम 44 साल पुराने मिग-21 फाइटर जेट उड़ा रहे हैं, इतनी पुरानी कोई कार भी नहीं चलाता। उन्होंने कहा, सड़क पर भी कोई उस समय की विंटेज-कार चलाता दिखाई नहीं देता है। एयर चीफ मार्शल ने साफ तौर से कहा है कि, दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए हमें और अधिक आधुनिक लड़ाकू विमानों की जरूरत है।
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh and IAF Chief Air Chief Marshal BS Dhanoa launch books on indigenisation efforts of defence equipment by services at a seminar on indigenisation plans of the Indian Air Force. pic.twitter.com/mhNL2PpdPv
— ANI (@ANI) August 20, 2019
दरअसल बीएस धनोआ ने दिल्ली में डिफेंस इक्युइपमेंट के आधुनीकरण पर सेमिनार के दौरान ये बातें कहीं। सेमिनार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। धनोआ ने कहा, हम स्वदेशी तकनीक द्वारा पुराने हो चुके लड़ाकू उपकरणों को बदलने का इंतज़ार नहीं कर सकते, न ही हर रक्षा उपकरण को विदेश से आयात करना समझदारी होगी। हम पुराने हो चुके हथियारों को स्वदेश-निर्मित हथियारों से बदल रहे हैं।
IAF Air Chief Marshal BS Dhanoa: We can"t wait for indigenous technology to replace obsolete warfighting equipment,neither will it be prudent to import every defence equipment from abroad.What we"re doing is replacing our high-end obsolete weapons with indigenously developed ones pic.twitter.com/CAeoAk5WNf
— ANI (@ANI) August 20, 2019
इसके अलावा पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को तीन साल का सेवाविस्तार दिए जाने पर धनोआ ने कहा, मैं नहीं जानता, उनका सिस्टम क्या है और वह कैसे काम करता है।
Indian Air Force Chief Air Chief Marshal BS Dhanoa on the three year extension given to Pakistan Army Chief Gen Qamar Javed Bajwa: I don’t know what is their system and how it works. pic.twitter.com/ofC9TeCVzO
— ANI (@ANI) August 20, 2019
वहीं राजनाथ सिंह ने कहा, हमने हाल ही में सरकारी इकाइयों की टेस्ट फैसिलिटी को निजी रक्षा क्षेत्र को उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। राजनाथ सिंह ने कहा, भारतीय वायुसेना तकनीकी रूप से अत्याधुनिक तथा बेहद सक्षम सेना है। पड़ोस में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हाल ही में किया गया हमला भारतीय सशस्त्र सेनाओं की इस अजेय इकाई की पहुंच और मारक क्षमता के बारे में काफी कुछ बताता है।
गौरतलब है कि, वायुसेना के पास इस समय लड़ाकू विमानों की 30 स्कॉवड्रन रह गई हैं। जबकि टू-फ्रंट वॉर यानि चीन और पाकिस्तान से एक साथ दो मोर्चो पर लड़ने के लिए 42 स्कॉवड्रन की जरूरत है। इन 30 स्कॉवड्रन में भी पांच स्कॉवड्रन मिग21 की है, एक स्कॉवड्रन मिग27 की है और तीन मिग29 की हैं।