वायसेना प्रमुख बोले - एयरस्पेस में नहीं घुस सके पाकिस्तानी विमान, हमने हासिल किया सैन्य लक्ष्य
वायसेना प्रमुख बोले - एयरस्पेस में नहीं घुस सके पाकिस्तानी विमान, हमने हासिल किया सैन्य लक्ष्य
- करगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने पर ग्वालियर में आयोजित समारोह में आए थे वायुसेना प्रमुख
- पहाड़ी क्षेत्रों में एएन 32 विमानों का चलना जारी रहेगा
- फरवरी में की थी भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ का बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर बयान सामने आया है। धनोआ ने कहा कि एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के फाइटर जेट्स ने भारतीय एयरस्पेस में घुसने की कोशिश की थी लेकिन उनका एक भी जेट एयरस्पेस में घुसने में कामयाब नहीं हो सका था। उन्होंने कहा, बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान हमारा लक्ष्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को खत्म करना था, जबकि पाकिस्तान का लक्ष्य हमारे सैन्य ठिकाने थे। हमने तो अपने सैन्य लक्ष्य प्राप्त कर लिया लेकिन पाकिस्तान का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने पर एक कार्यक्रम में शिरकत के लिए धनोआ ग्वालियर पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने ये बयान दिया।
पाकिस्तान के अपने एयर स्पेस को बंद करने को लेकर धनोआ ने कहा कि पाकिस्तान का अपने एयर स्पेस को बंद करना, उनकी समस्या है। हमारी अर्थव्यवस्था एक चलते रहने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और हवाई यातायात इसके लिए बहुत जरुरी है। आपने देखा भी होगा कि भारतीय वायु सेना ने नागरिक यातायात को कभी नहीं रोका। 27 फ़रवरी को भी चंद घंटों के लिए ही श्रीनगर का एयरस्पेस बंद किया गया था। मार्च में, पाकिस्तान ने आंशिक रूप से अपने एयर स्पेस को खोल दिया था। हालांकि भारत से आने वाली फ्लाइट के लिए एयरस्पेस को इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया गया था। तब से, भारत आने और जाने वाली कई फ्लाइट्स को लंबा रूट लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यूरोप से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया की कई उड़ानें इसके चलते प्रभावित हुई हैं।
वहीं वायुसेना प्रमुख ने एएन 32 विमान हादसे के बारे में बात करते हुए कहा कि अभी कोई वैकल्पिक व्यवस्था हमारे पास मौजूद नहीं है, जिस वजह से अभी भी पहाड़ी क्षेत्रों में एएन-32 विमानों का इस्तेमाल जारी रहेगा। बता दें कि पिछले दिनों असम के जोरहट से उड़ान भरने के बाद एयरफोर्स का एएन-32 विमान हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें 13 वायुसेना कर्मी शहीद हो गए थे।
कारगिल विजय के 20 साल पूरे होने के मौके पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि - "हमारे हमले का उद्देश्य हमेशा हमारे संकल्प और हमारी क्षमता को प्रदर्शित करना था और उस व्यक्ति तक संदेश पहुंच गया जिस तक इसे पहुंचाना था। 2 अगस्त सन् 2002 को उस दुश्मन तक यह संदेश पहुंचा दिया गया था ताकि वो दोबारा कभी ना लौटे।"