गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई हुए पद्म भूषण से सम्मानित, भारत को बताया अपना हिस्सा
पद्म पुरस्कार गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई हुए पद्म भूषण से सम्मानित, भारत को बताया अपना हिस्सा
- माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला भी होंगे सम्मानित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया है। भारतीय मूल के पिचाई को यह सम्मान व्यापार और उद्योग श्रेणी में 2022 के लिए दिया गया है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह सिंधू ने पिचाई को यह पुरस्कार सौंपा। इस मौके पर उनका पूरा परिवार और करीबी मौजूद रहे।
— ANI (@ANI) December 3, 2022
इस अवसर पर भारतीय राजदूत तरणजीत एस संधू ने कहा कि, "सुंदर पिचाई को पद्म भूषण सौंपकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है। भारत के मदुरै से माउंटेन व्यू तक की उनकी यात्रा काफी प्रेरणादायक रही है। पिचाई की यह यात्रा भारत-अमेरिका आर्थिक और तकनीकी संबंधो को मजबूत करती है। साथ ही वैश्विक नवाचार में भारतीय प्रतिभा के योगदान की पुष्टि करता है।"
सुंदर पिचाई बोले, भारत उनका एक हिस्सा
पुरस्कार पाने के बाद सुंदर पिचाई ने कहा कि, "भारत उनका एक हिस्सा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं जहां भी जाता हूं इसे साथ लेकर जाता हूं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैं एक ऐसे परिवार में पला-बढ़ा, जिसने सीखने और ज्ञान को पोषित किया। माता-पिता ने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत त्याग किया कि मुझे अपनी रुचियों का पता लगाने के अवसर मिले।"
पिचाई ने इस सम्मान के लिए भारत की सरकार और जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "मैं इस अपार सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। मुझे भारत की तरफ से इस तरह सम्मानित किया जाना अविश्वसनीय रुप से सार्थक है।"
उन्होंने कहा, "मैं गूगल और भारत के बीच साझेदारी को जारी रखने की आशा करता हूं, क्योंकि हम प्रौद्योगिकी के लाभों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करते हैं।"
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला भी होंगे सम्मानित
गौरतलब है कि इस साल 25 जनवरी को भारत सरकार की तरफ से गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के साथ माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला को भी यह सम्मान देने की घोषणा हुई थी। इन दोनों को व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित करने का निर्णय लिया था।