दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के, कानपुर पहले और दिल्ली 6वें स्थान पर

दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के, कानपुर पहले और दिल्ली 6वें स्थान पर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-11 05:13 GMT
दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के, कानपुर पहले और दिल्ली 6वें स्थान पर
हाईलाइट
  • कानपुर पहले
  • वाराणसी तीसरे और दिल्ली 6वें स्थान पर।
  • दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहर।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी की दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है इसका खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की एक लिस्ट जारी की है। इसमें दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहर शामिल हैं। सूची में पहला स्थान कानपुर का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र वाराणसी सूची में तीसरे पायदान पर है।

यूपी के चार शहरों के नाम 
दरअसल "पॉलिटिकल लीडर्स पोजिशन एंड एक्शन और एयर क्वालिटी इन इंडिया 2014-19" में यह जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट को "क्लाइमेट ट्रेंड्स" ने जारी किया है। इसमें कहा गया है, विश्व स्वास्थ्य संगठन की 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 14 शहर भारत के हैं। इनमें से चार उत्तर प्रदेश के है। WHO की इस सूची में उन शहरों को रखा गया है जहां की आबोहवा सबसे ज्यादा खराब है। 

कानपुर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
भारत के लिए चिंता का विषय ये है कि WHO ने जिन 15 शहरों के नाम अपनी सूची में जारी किए हैं उनमें से 14 शहर भारत के हैं। उत्तर प्रदेश का कानपुर दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित शहर है और सूची में यह पहले स्थान पर है। हरियाणा के फरीदाबाद को दूसरे स्थान पर रखा गया है। वाराणसी की तीसरी रैंक है। बिहार का गया और पटना क्रमश: चौथे और पांचवे स्थान पर हैं, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली 6वें स्थान पर है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ 7वें स्थान पर है। इसके अलावा आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुरूग्राम, जयपुर, पटियाला और जोधपुर भी सबसे प्रदूषित शहरों की इस सूची में हैं।

कंस्ट्रक्शन बढ़ने से खराब हुई हवा की गुणवत्ता
दिल्ली की एक पर्यावरण संस्था के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में पूरा ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर और सुंदरता को बढ़ाने पर है। वाराणसी की वायु गुणवत्ता सौंदर्यीकरण और आधारभूत संरचना के विकास के कारण लगातार बिगड़ती जा रही है। जानकारी के मुताबिक, इस समय वाराणसी में काफी निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण वहां की हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। 

प्रदूषण रोकने के लिए नहीं उठाए गए कदम
रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी राज्य सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए अभी तक कोई विशेष कदम नहीं उठाया है। ऐसे में शहरी और क्षेत्रीय स्तर पर बिगड़ती हवा पर किसी का ध्यान नहीं गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स में हवा की स्थिति को 0 से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोष जनक, 101 से 200 तक ठीकठाक, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब, 401 से 500 तक गंभीर माना जाता है।रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि लखनऊ और कानपुर के सांसदों क्रमश: गृह मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी अपने अपने संसदीय क्षेत्र में प्रदूषण के मामले पर अधिकतर चुप ही रहे हैं।

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