पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तीन हस्तियों को आज मिलेगा भारत रत्न

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तीन हस्तियों को आज मिलेगा भारत रत्न

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-08 03:20 GMT
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तीन हस्तियों को आज मिलेगा भारत रत्न
हाईलाइट
  • नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मरणोपरांत मिलेगा सम्मान
  • भारत रत्न सम्मान का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को किया गया था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सहित तीन दिग्गज हस्तियों को आज (8 अगस्त) भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन में होने वाले एक कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी को यह अवॉर्ड दिया जाएगा। इनके अलावा जनसंघ के नेता नाना जी देशमुख और प्रख्‍यात गायक, संगीतकार और गीतकार भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि, भारत रत्न सम्मान का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को किया गया था। भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर के ज़रिए इस साल दिए जाने वाले भारत रत्न की जानकारी दी थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए पीएम ने लिखा था, प्रणब दा हमारे समय के बेहतरीन राजनेता हैं। उन्होंने दशकों से इस देश की सेवा निस्वार्थ और अथक भाव से की है जिससे हमारे देश की बेहतरी पर उनकी एक अमिट छाप है। 

जानिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बारे में?
भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति बनने से पहले वित्त मंत्रालय और अन्य आर्थिक मंत्रालयों को संभाला। उन्हें कांग्रेस पार्टी का संकटमोचक कहा जाता था। वह लंबे समय के लिए देश की आर्थिक नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। उनके नेत़त्व में ही भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण की 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अन्तिम किस्त नहीं लेने का गौरव प्राप्त किया था। 1980-1985 के दौरान प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में प्रणब मुखर्जी ने केन्द्रीय मंत्रीमंडल की बैठकों की अध्यक्षता की थी। मुखर्जी को सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है। मुखर्जी को 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवॉर्ड भी मिला था। एक सर्वेक्षण के अनुसार, साल 1984 में दुनिया के पांच सर्वोत्तम वित्त मन्त्रियों में से एक प्रणब मुखर्जी भी थे।

"नानाजी देशमुख"
जनसंघ के संस्थापकों में शामिल रहे नानाजी देशमुख एक समाजसेवी थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार में उन्हें मोरारजी-मन्त्रिमण्डल में शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये 1999 में पद्म विभूषण भी प्रदान किया था। राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नानाजी देशमुख और उनके संगठन दीनदयाल शोध संस्थान की प्रशंसा की थी। देशमुख ने 95 साल की उम्र में चित्रकूट स्थित भारत के पहले ग्रामीण विश्वविद्यालय जिसकी स्थापना उन्होंने खुद की थी उसी में रहते हुए अन्तिम सांस ली।

"भूपेन हजारिका"
भूपेन हजारिका भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी थे। वे अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। हजारिका को 1975 में सर्वोत्कृष्ट क्षेत्रीय फिल्म के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार, 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया। 2009 में असोम रत्न और इसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय योगदान देने वालों को प्रदान किया जाता है। इस सम्मान 'भारत रत्न' की शुरुआत 1954 से हुई। अब तक विभिन्न क्षेत्रों की 40 से ज्यादा हस्तियों को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा जा चुका है। पहला भारत रत्न का सम्मान देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1954 में प्रदान किया गया था।

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