जम्मू-कश्मीर के पांच पॉलिटिकल लीडर रिहा, 5 अगस्त को लिया गया था हिरासत में
जम्मू-कश्मीर के पांच पॉलिटिकल लीडर रिहा, 5 अगस्त को लिया गया था हिरासत में
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पांच पॉलिटिकल लीडरों को सोमवार को रिहा कर दिया गया। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 की प्रावधानों को सस्पेंड कर दिया था। इस दौरान इन नेताओं को सुरक्षा के मद्देनजर घर में नजरबंद किया गया था। ये नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के थे।
रिहा होने वालों में जहूर मीर, डॉ. गुलाम नबी, इश्फाक जब्बार, यासिर रेशी और बशीर मीर हैं। रेशी को एक बागी पीडीपी नेता के रूप में माना जाता है, जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती के खिलाफ खुलकर विद्रोह किया था। इन नेताओं को डल झील के किनारे स्थित एमएलए हॉस्टल से रिहा किया गया। पिछले महीने दो अन्य नेताओं- पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया गया था।
5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 35-A और 370 हटाकर केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू और कश्मीर में लॉकडाउन के हिस्से के रूप में मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिया गया था। सरकार ने सभी राजनीतिक बंदियों को "चरणबद्ध" तरीके से छोड़ने का आश्वासन दिया था। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला अभी भी नजरबंद हैं।
बता दें कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के मकसद से कारावास को प्रिवेंटिव डिटेंशन कहा जाता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 22 (3) यह प्रदान करता है कि, अगर किसी व्यक्ति को प्रिवेंटिव डिटेंशन प्रदान करने वाले कानून के तहत गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है, तो अनुच्छेद 22 (1) और 22 (2) के तहत गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ सुरक्षा उपलब्ध नहीं होगी।
Sources: The leaders who have been released include Ishfaq Jabbar and Ghulam Nabi Bhat, Bashir Mir and Zahoor Mir and Yasir Reshi. #JammuAndKashmir https://t.co/sK03P6XP6y
— ANI (@ANI) December 30, 2019