क्या होगा किसानों का अगला कदम? आज सिंघु बॉर्डर पर बैठक के बाद बनेगा प्लान, हरियाणा सीएम ने कहा- अब संभव नहीं....
आंदोलन पर सरकार क्या होगा किसानों का अगला कदम? आज सिंघु बॉर्डर पर बैठक के बाद बनेगा प्लान, हरियाणा सीएम ने कहा- अब संभव नहीं....
- ये संभव नहीं है कि
- MSP गारंटी पर कानून बने- सीएम खट्टर
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक सिंघु बॉर्डर पर होगी और किसान अपने अगले कदम की रणनीति यही पर तय करेंगे। तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान आंदोलन जारी है क्योकि अन्नदाता की मांग है कि, सरकार MSP गारंटी पर एक कानून बनाएं। हालांकि, इस मामले पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, ये संभव नहीं है कि, MSP गारंटी पर कानून बनाया जाए।
सीएम और पीएम की मुलाकात
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, MSP यानि कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनने की संभावना बेहद कम है। दरअसल, सीएम खट्टर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की और हरियाणा के विकास कार्यों जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। पीएम से मुलाकात के बाद सीएम खट्टर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर बताया कि,"दिल्ली में आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान उनसे हरियाणा में वर्तमान और आगामी विकास कार्यों से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।"
दिल्ली में आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की।
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 26, 2021
इस दौरान उनसे हरियाणा में वर्तमान और आगामी विकास कार्यों से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। pic.twitter.com/ZI2eao2F3t
पीएम के साथ बैठक खत्म होने के बाद सीएम खट्टर ने पत्रकारों से बात की और बताया कि, "हमने अंत्योदय ग्रामोदय मेला, ऑटो अपील सिस्टम (एएएस), ड्रोन तकनीक और बड़े पैमाने पर मैपिंग पर चर्चा की।" किसानों के मुद्दों पर सीएम ने कहा कि, एमएसपी गारंटी पर कानून बनना संभव नहीं है क्योंकि,इससे सरकार पर दबाव बढ़ जाएगा और किसानों की उपज खरीदना हमारे लिए अनिवार्य हो जाएगा। जिसकी संभावना बहुत कम है।
सीएम खट्टर ने आगे कहा कि, फिलहाल अभी MSP को नियमित करने जैसी कोई चर्चा नहीं की गई है। वहीं कृषि अर्थशास्त्री भी इसे लेकर अपनी अलग-अलग राय दे रहे है। कानून बनना संभव नहीं है क्योंकि, अगर इस पर कानून बन जाता है तो, सरकार की जिम्मेदारी हो जाएगी कि, अगर किसानों की उपज जनता नहीं खरीद पाई है तो, वो सरकार खरीदे और सरकार अपनी जरुरत के हिसाब से ही फसल खरीदेगी।