खत्म हुआ किसान आंदोलन, अब है रास्तें खुलने का इंतजार, यहां जानिए, सब कुछ
कब खुलेंगे बॉर्डर? खत्म हुआ किसान आंदोलन, अब है रास्तें खुलने का इंतजार, यहां जानिए, सब कुछ
- किसान 11 दिसंबर से घर के लिए रवाना होने लगेंगे
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में 378 दिन तक चलने वाला किसान आंदोलन आखिरकार खत्म करने का फैसला ले लिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार को एक आधिकारिक पत्र मिलने के बाद किसानों की तरफ से इस बात का ऐलान किया गया। अब किसानों ने बॉर्डरो और नेशनल हाइवे को खाली करना शुरु कर दिया है।
धीरे-धीरे टेंट हटाते हुए किसानों की और अन्य लोगों की तस्वीरें सामने आने लगी है। किसान आंदोलन का सबसे मुख्य केंद्र रहा है सिंघू बॉर्डर। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, यहां से सारे टेंट हटा लिए गए है। फिलहाल देश हुई सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 जवानों के निधन से गहरा झटका लगा है, जिनके अंतिम संस्कार को ध्यान में रखते हुए किसानों ने अपनी जीत के जश्न को 1 दिन के लिए टालने का फैसला किया है।
कब से खुलेंगे बॉर्डर
बता दें कि, किसान 11 दिसंबर से धीरे-धीरे सभी टोल प्लाजा और बॉर्डर को छोड़कर अपने घर के लिए रवाना होने लगेंगे। इस दौरान जीत का मार्च भी निकाला जाएगा और 15 दिसंबर तक सभी टोल प्लाजा खाली कर दिए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के बयान पर ध्यान दिया जाए तो,उन्होंने कहा था कि," 378 दिन से चल रहा हमारा किसान आंदोलन अब हम स्थगित कर रहे है। हम सभी 15 दिसंबर को एक मीटिंग करेंगे। अगर, केंद्र सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तो, हम दोबारा अपना आंदोलन शुरु कर सकते है।
पुराने रास्तों पर कब लौटेगी आम जनता
- सिंघू, टिकरी और यूपी गेट से किसानों ने अपने टेंट निकालना शुरु कर दिया है।
- केंद्र सरकार की तरफ से आधिकारिक पत्र मिलने के बाद सभी किसानों ने एक साथ "किसान एकता जिंदाबाद" के नारे लगाए ।
- सभी टोल प्लाजा 15 दिसंबर तक खाली हो जाएंगे।
- दिल्ली पुलिस का दावा है कि,गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से बैरिकेड हटाने में 2 घंटे का समय लगेगा।
- लेकिन, सिंघू बॉर्डर से बैरिकेड 2 दिन में हटेंगे।
- पुलिस के मुताबिक, आम लोगों के लिए हाइवे को सामान्य होने में समय लग सकता है।