पीएम मोदी बोले- अन्नदाताओं की हर शंका को दूर करेंगे, विपक्ष पर लगाया किसानों को भड़काने का आरोप
पीएम मोदी बोले- अन्नदाताओं की हर शंका को दूर करेंगे, विपक्ष पर लगाया किसानों को भड़काने का आरोप
- कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान
- पीएम मोदी ने कहा
- किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है
- पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए किसानों को भड़काने का आरोप लगाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है। पीएम मोदी ने कहा, किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या?
पीएम ने कहा, देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए। कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी। अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए। आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं। वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे। जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है। मैं किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रहा है।
पीएम ने कहा, दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। देश में डेयरी उद्योग का योगदान कृषि अर्थव्यवस्था के कुल मूल्य में 25% से ज्यादा है। पशुपालकों को पूरी आजादी मिली है। ऐसी आजादी अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए? आज गुजरात के किसान, पशुपालक, मछुवारे पहले से कहीं बेहतर स्थिति में हैं। यहां खेती के परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है। फसलों की विविधता पर फोकस किया गया। सिर्फ 1.5 दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है।
पीएम ने कहा, कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी। किसानों को भ्रमित कर रहे विपक्षी भी अपनी सरकार के समय में इन सुधारों के समर्थन में थे। किसानों की हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। किसानों का हित हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर बीते 20 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकि एब तक इसका कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। सरकार साफ कर चुकी है कि कृषि कानूनों में संशोधन किया जा सकता है लेकिन इसे वापस नहीं लिया जाएगा। वहीं किसानों इसे वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।